फाइल फोटो
पटना:
केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद जहां आम लोग परेशान हैं, वहीं भगवान भी इससे अछूते नहीं हैं. विमुद्रीकरण के कारण भगवान के भोग में कमी आ गई है. पटना जंक्शन के पास स्थित महावीर मंदिर हो या पटना के ही राजवंशी नगर का हनुमान मंदिर, सभी जगह भोग के लड्ड की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है.
पटना जंक्शन के पास के महावीर मंदिर में आम दिनों में औसतन प्रतिदिन 1500 किलोग्राम लड्ड का चढ़ावा चढ़ता था, परंतु अब यह औसत 1,000 किलोग्राम रह गया है. महावीर मंदिर समिति के लेखापाल रजनीकांत सिंह ने आईएएनएस को बताया कि नैवेद्यम लड्ड हो या आम लड्ड, सभी प्रकार के लड्डओं के चढ़ावे में कमी आई है. वह कहते हैं कि सोमवार को नैवेद्यम लड्ड की बिक्री पिछले तीन-चार दिनों की तुलना में मामूली रूप से बढ़ी नजर आ रही है.
महावीर मंदिर से प्राप्त सूचना के मुताबिक, मंगलवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य घोषित कर दिए. इसके अगले दिन बुधवार को मात्र 1100 किलोग्राम लड्ड भगवान के भोग में चढ़ाया गया. शनिवार को यहां आमतौर पर 2200 किलोग्राम से ज्यादा लड्ड भगवान को चढ़ाया जाता था, जबकि पिछले शनिवार को मात्र 1400 किलोग्राम लड्ड का चढ़ावा चढ़ा.
गौरतलब है कि विशेष रूप से तैयार नैवेद्यम लड्ड की बिक्री महावीर मंदिर परिसर में ही होती है.
इसी तरह राजवंशीनगर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास लड्ड की दुकानों में भी बिक्री प्रभावित हुई है. मंदिर के पुजारी पंडित सुरेंद्र झा कहते हैं कि पूर्व के मुकबले लड्ड के चढ़ावे में कमी आई है. वह कहते हैं, "चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की मात्रा एक-चौथाई ही रह गई है. लोगों के पास खुदरा पैसा नहीं है. एटीएम बंद हैं. कहां से आएगा प्रसाद?"
मंदिर के समीप लड्ड बिक्रेता नंदकुमार बताते हैं कि बड़े नोटों पर प्रतिबंध के बाद लड्ड की बिक्री प्रभावित हुई है. वह कहते हैं कि पूर्व में प्रतिदिन 100-150 किलोग्राम बेसन और बूंदी लड्ड की बिक्री हो जाती थी, परंतु इन दिनों 50 किलोग्राम लड्ड की बिक्री नहीं हो पा रही है.
उन्होंने हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, "आए दिन हमलोग भ्रष्टाचार और मंहगाई को लेकर सरकार को कोसते हैं और आज जब सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है तो हम सबको सरकार का साथ देना चाहिए."
पटना के प्रसिद्घ शीतला मंदिर और पटन देवी मंदिर में भी चढ़ावे के नारियल की ब्रिकी प्रभावित हुई है. शीतला मंदिर के समीप पूजन सामग्री की अस्थायी दुकानों की संख्या घटी है. दुकानदारों का कहना है कि जब बिक्री ही नहीं हो रही है तो दुकान सजाने से क्या फायदा. दो-चार दिन में जब स्थिति सामान्य होगी तब फिर दुकान लगाएंगे. मंदिरों में श्रद्घालु तो पहुंच रहे हैं परंतु प्रसाद की ब्रिकी नहीं हो रही है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पटना जंक्शन के पास के महावीर मंदिर में आम दिनों में औसतन प्रतिदिन 1500 किलोग्राम लड्ड का चढ़ावा चढ़ता था, परंतु अब यह औसत 1,000 किलोग्राम रह गया है. महावीर मंदिर समिति के लेखापाल रजनीकांत सिंह ने आईएएनएस को बताया कि नैवेद्यम लड्ड हो या आम लड्ड, सभी प्रकार के लड्डओं के चढ़ावे में कमी आई है. वह कहते हैं कि सोमवार को नैवेद्यम लड्ड की बिक्री पिछले तीन-चार दिनों की तुलना में मामूली रूप से बढ़ी नजर आ रही है.
महावीर मंदिर से प्राप्त सूचना के मुताबिक, मंगलवार रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोट अमान्य घोषित कर दिए. इसके अगले दिन बुधवार को मात्र 1100 किलोग्राम लड्ड भगवान के भोग में चढ़ाया गया. शनिवार को यहां आमतौर पर 2200 किलोग्राम से ज्यादा लड्ड भगवान को चढ़ाया जाता था, जबकि पिछले शनिवार को मात्र 1400 किलोग्राम लड्ड का चढ़ावा चढ़ा.
गौरतलब है कि विशेष रूप से तैयार नैवेद्यम लड्ड की बिक्री महावीर मंदिर परिसर में ही होती है.
इसी तरह राजवंशीनगर स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास लड्ड की दुकानों में भी बिक्री प्रभावित हुई है. मंदिर के पुजारी पंडित सुरेंद्र झा कहते हैं कि पूर्व के मुकबले लड्ड के चढ़ावे में कमी आई है. वह कहते हैं, "चढ़ाए जाने वाले प्रसाद की मात्रा एक-चौथाई ही रह गई है. लोगों के पास खुदरा पैसा नहीं है. एटीएम बंद हैं. कहां से आएगा प्रसाद?"
मंदिर के समीप लड्ड बिक्रेता नंदकुमार बताते हैं कि बड़े नोटों पर प्रतिबंध के बाद लड्ड की बिक्री प्रभावित हुई है. वह कहते हैं कि पूर्व में प्रतिदिन 100-150 किलोग्राम बेसन और बूंदी लड्ड की बिक्री हो जाती थी, परंतु इन दिनों 50 किलोग्राम लड्ड की बिक्री नहीं हो पा रही है.
उन्होंने हालांकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, "आए दिन हमलोग भ्रष्टाचार और मंहगाई को लेकर सरकार को कोसते हैं और आज जब सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है तो हम सबको सरकार का साथ देना चाहिए."
पटना के प्रसिद्घ शीतला मंदिर और पटन देवी मंदिर में भी चढ़ावे के नारियल की ब्रिकी प्रभावित हुई है. शीतला मंदिर के समीप पूजन सामग्री की अस्थायी दुकानों की संख्या घटी है. दुकानदारों का कहना है कि जब बिक्री ही नहीं हो रही है तो दुकान सजाने से क्या फायदा. दो-चार दिन में जब स्थिति सामान्य होगी तब फिर दुकान लगाएंगे. मंदिरों में श्रद्घालु तो पहुंच रहे हैं परंतु प्रसाद की ब्रिकी नहीं हो रही है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं