आज गुप्त नवरात्रि का दूसरा दिन (Navratri Second Day) है. आज मां दुर्गा (Maa Durga) की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) की पूजा-उपासना की जाती है. ब्रह्मचारिणी का अर्थ होता है, तप का आचरण करने वाली. इनके वस्त्र श्वेत हैं. कहते हैं देवी की आराधना करने से तप, संयम, त्याग और सदाचार जैसे गुणों की प्राप्ति होती है. इसके अलावा देवी की कृपा से धैर्य प्राप्त होता है और मनुष्य कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्त्तव्य से विचलित नहीं होता है, उसे विजय की प्राप्ति होती है.
कहते हैं कि आज के दिन जो देवी के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करते हैं, उनकी कुंडलिनी शक्ति जाग्रत हो जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. यही वजह है कि उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. आज मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के बाद ये आरती की जाती है.
मां ब्रह्मचारिणी की आरती | Aarti Of Maa Brahmacharini
जय अंबे ब्रह्माचारिणी माता।
जय चतुरानन प्रिय सुख दाता।
ब्रह्मा जी के मन भाती हो।
ज्ञान सभी को सिखलाती हो।
ब्रह्मा मंत्र है जाप तुम्हारा।
जिसको जपे सकल संसारा।
जय गायत्री वेद की माता।
जो मन निस दिन तुम्हें ध्याता।
कमी कोई रहने न पाए।
कोई भी दुख सहने न पाए।
उसकी विरति रहे ठिकाने।
जो तेरी महिमा को जाने।
रुद्राक्ष की माला ले कर।
जपे जो मंत्र श्रद्धा दे कर।
आलस छोड़ करे गुणगाना।
मां तुम उसको सुख पहुंचाना।
ब्रह्माचारिणी तेरो नाम।
पूर्ण करो सब मेरे काम।
भक्त तेरे चरणों का पुजारी।
रखना लाज मेरी महतारी।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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