प्रतीकात्मक चित्र
अमृतसर:
नये साल में अकाल तख्त के जत्थेदार एवं चार अन्य तख्तों के जत्थेदारों को हटाने के मामले में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और पंज प्यारों के बीच टकराव के आसार बन रहे हैं। पंज प्यारों ने अकाल तख्त के जत्थेदार गुरबचन सिंह और चार अन्य तख्तों के जत्थेदारों को पद से हटाने के लिए शुक्रवार (पहली जनवरी) की समय सीमा तय की है। एसजीपीसी के अध्यक्ष अवतार सिंह मक्कड़ ने इस पूरे मामले से पैदा हुई स्थिति पर विचार के लिए एसजीपीसी कार्यकारी समिति की आपात बैठक बुलाई है।
पंज प्यारों ने हाल ही में इन जत्थेदारों को हटाने के लिए कहा था। उनका मानना है कि डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह को सितंबर में इन जत्थेदारों ने माफ कर दिया था, इसलिए इन्हें सिख धर्म के सर्वोच्च पद पर बने रहने का हक नहीं है।
गुरमीत राम रहीम सिंह को माफी देने का सिख संगठनों ने व्यापक विरोध किया था। इसके बाद उन्हें दी गई माफी को अक्टूबर में वापस ले लिया गया था।
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सिख संस्थाओं और बुद्धिजीवियों से दखल की अपील
पंज प्यारों द्वारा इन्हें पद से हटाने के लिए कहे जाने के बाद एसजीपीसी ने इनका तबादला कर दिया था। लेकिन, इनमें से दो ने आदेश मानने से इनकार कर दिया।
एसजीपीसी अध्यक्ष मक्कड़ ने कहा, "हमने मामले पर विचार के लिए शुक्रवार (पहली जनवरी) को कार्यकारी परिषद की आपात बैठक बुलाई है। हमने मसले को हल करने के लिए सिख संस्थाओं और सिख बुद्धिजीवियों से दखल देने का आग्रह किया है।"
पंज प्यारों ने पहली जनवरी की समय सीमा तय करने के बाद कहा है कि वे आगे की कार्रवाई का ऐलान 2 जनवरी को करेंगे।
पंज प्यारों ने हाल ही में इन जत्थेदारों को हटाने के लिए कहा था। उनका मानना है कि डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह को सितंबर में इन जत्थेदारों ने माफ कर दिया था, इसलिए इन्हें सिख धर्म के सर्वोच्च पद पर बने रहने का हक नहीं है।
गुरमीत राम रहीम सिंह को माफी देने का सिख संगठनों ने व्यापक विरोध किया था। इसके बाद उन्हें दी गई माफी को अक्टूबर में वापस ले लिया गया था।
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सिख संस्थाओं और बुद्धिजीवियों से दखल की अपील
पंज प्यारों द्वारा इन्हें पद से हटाने के लिए कहे जाने के बाद एसजीपीसी ने इनका तबादला कर दिया था। लेकिन, इनमें से दो ने आदेश मानने से इनकार कर दिया।
एसजीपीसी अध्यक्ष मक्कड़ ने कहा, "हमने मामले पर विचार के लिए शुक्रवार (पहली जनवरी) को कार्यकारी परिषद की आपात बैठक बुलाई है। हमने मसले को हल करने के लिए सिख संस्थाओं और सिख बुद्धिजीवियों से दखल देने का आग्रह किया है।"
पंज प्यारों ने पहली जनवरी की समय सीमा तय करने के बाद कहा है कि वे आगे की कार्रवाई का ऐलान 2 जनवरी को करेंगे।
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