विज्ञापन
This Article is From Nov 17, 2023

तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी की तारीख को लेकर हो रहा है कंफ्यूजन, जान लीजिए क्या है सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

When is Tulsi Vivah and Devuthani Ekadashi : इस साल एकादशी तिथि दो दिन पड़ने से तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) और देवउठनी एकादशी की तारीख को लेकर लोगों के बीच संशय बना हुआ है. अगर आप भी तारीख को लेकर कन्फ्यूजन में है तो हम आपको बताने जा रहे हैं देवउठनी एकादशी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त.

तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी की तारीख को लेकर हो रहा है कंफ्यूजन, जान लीजिए क्या है सही तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Devuthani Ekadashi 2023 : हम आपको बताने जा रहे हैं देवउठनी एकादशी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त.

Dev Uthani Ekadashi 2023 Date: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी पड़ती है. हिंदू धर्म में इस दिन को बेहद खास माना जाता है. भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के शालिग्राम रूप के साथ माता तुलसी (Tulsi Ji) का विवाह भी किया जाता है. इस साल एकादशी तिथि दो दिन पड़ने से तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) और देवउठनी एकादशी की तारीख को लेकर लोगों के बीच संशय बना हुआ है. अगर आप भी तारीख को लेकर कन्फ्यूजन में है तो हम आपको बताने जा रहे हैं देवउठनी एकादशी की सही तारीख और शुभ मुहूर्त.

 कब है देवउठनी एकादशी 2023

इस वर्ष एकादशी तिथि 22 नवंबर को दोपहर 11 बजकर 3 मिनट पर शुरू होगी और 23 नवंबर को रात 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी.ऐसी मान्यता है कि उदया तिथी के अनुसार ही एकादशी का व्रत रखा जाता है. लेकिन इस साल तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी 23 नवंबर, दिन गुरुवार को ही है जबकि इस व्रत का पारण 24 नवंबर, शुक्रवार को किया जाएगा. व्रतियों को बता दें कि, 23 नवंबर को ही तुलसी विवाह और देवउठनी एकादशी है. तो आइए जानते हैं कि इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा-विधि के लिए कौन सा समय शुभ है जो आपके जीवन में सुख-समृद्धि ला सकता है.

Latest and Breaking News on NDTV

शुभ मुहूर्त

  • एकादशी तिथि की शुरुआत-  22 नवंबर, 2023 को रात 11:03 बजे 
  • एकादशी तिथि की समाप्ति-  23 नवंबर, 2023 को रात 09:01 बजे
  • पारण का समय 24 नवम्बर को सुबह 06:51 से 08:57 बजे तक 
  • पारण के दिन द्वादशी समाप्त होने की तिथि रात 07:06 बजे 

तुलसी विवाह पूजा विधि

  • एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करें.
  • स्नान के बाद व्रत संकल्प लें.
  • इसके बाद भगवान विष्णु की प्रार्थना करें.
  • प्रार्थना करने के बाद भगवान विष्णु के सामने दीप-धूप जलाएं. फिर उन्हें फल, फूल और भोग चढ़ाएं.
  • एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरूर अर्पित करें.
  • एकादशी की शाम विष्णु जी की आराधना करते हुए विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें.
  • एकादशी के दिन पूर्व संध्या में व्रती सिर्फ सात्विक भोजन ही करें.
  • एकादशी के दिन व्रत के दौरान अन्न का सेवन ना करें.
  • इस दिन चावल का सेवन न करें.
  • एकादशी का व्रत खोलने के बाद ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा अवश्य दें.
Latest and Breaking News on NDTV

भगवान को भोग लगाएं. इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाएं. भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें. ऐसी मान्यता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं.इस शुभ दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की भी पूजा करें और अधिक से अधिक भगवान का ध्यान करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com