विज्ञापन
This Article is From Dec 24, 2015

भगवान दत्तात्रेय की जयंती आज, इस दिन होती है उनके बालरूप की आराधना

भगवान दत्तात्रेय की जयंती आज, इस दिन होती है उनके बालरूप की आराधना
भगवान दत्तात्रेय की प्रतिमा (फाईल फोटो)
हिन्दू पंचांग के अनुसार भगवान दत्तात्रेय की जयन्ती प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की दशमी को मनायी जाती है। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार, इस वर्ष उनकी जयंती 24 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है। दत्तात्रेय जयन्ती के दिन उनके बालरूप की आराधना की परंपरा है।

हिन्दू धर्मग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, दत्तात्रेय ने 24 गुरुओं से भांति-भाति का दिव्यज्ञान प्राप्त किया था। वे अपनी बहुज्ञता के लिए प्रसिद्ध हैं। इसका संपूर्ण वर्णन श्रीमद्भागवत पुराण में मिलता है।

----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- 
यह भी पढ़ें : यहां है उल्टे खड़े हनुमान जी की विश्व की इकलौती और अनोखी प्रतिमा
----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- ----- 

पश्चिम और मध्य भारत में हैं सर्वाधिक दत्तात्रेय मंदिर

भगवान दत्तात्रेय के मंदिरों में जो प्रतिमाएं प्राप्त होती है, उनमें उनके तीन सिर प्रदर्शित हैं। मान्यता के अनुसार दत्तात्रेयजी भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के ही स्वरूप हैं, वे इन त्रिदेवों की संयुक्त प्रतिमूर्ति माने जाते हैं। यही कारण है कि उनके तीन सिर सहित छह भुजाएं हैं।

पश्चिमी और मध्य पश्चिमी भारत में भगवान दत्तात्रेय के देवस्थान और मंदिर अधिक स्थापित हैं, क्योंकि इन क्षेत्रों में उनकी आराधना सबसे अधिक होती है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
गणेश भगवान की पूजा में बप्पा को लगाएं इन 7 चीजों का भोग, खुश होंगे गणपति
भगवान दत्तात्रेय की जयंती आज, इस दिन होती है उनके बालरूप की आराधना
क्यों नहीं कांवड़िए यात्रा के दौरान लेते हैं एक दूसरे का नाम, जानिए आखिर कौन सी कांवड़ यात्रा होती है सबसे कठिन
Next Article
क्यों नहीं कांवड़िए यात्रा के दौरान लेते हैं एक दूसरे का नाम, जानिए आखिर कौन सी कांवड़ यात्रा होती है सबसे कठिन
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com