Darsh Amavasya 2022: दर्श अमावस्या आज, ज्योतिष के अनुसार ये 5 उपाय करने से जीवन रहता है खुशहाल

Darsh Amavasya 2022: दर्श अमावस्या के दिन चंद्र देव की पूजा का विशेष महत्व है. आषाढ़ मास की दर्श अमावस्या तिथि 28 जून को यानी आज है.

Darsh Amavasya 2022: दर्श अमावस्या आज, ज्योतिष के अनुसार ये 5 उपाय करने से जीवन रहता है खुशहाल

Darsh Amavasya 2022: आषाढ़ मास की दर्श अमावस्या 28 जून को पड़ेगी.

खास बातें

  • दर्श अमावस्या पर पितृ पूजन का है खास महत्व.
  • आषाढ़ मास की अमावस्या 28 जून को पड़ रही है.
  • दर्श अमावस्या के दिन होता है पितरों का तर्पण.

Darsh Amavasya 2022: हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या को खास महत्व दिया है. इस दिन चंद्र देव (Chandra Dev) की विशेष उपासना की जाती है. ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में चंद्रमा को मन का कारक ग्रह माना गया है. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजन करने से चंद्र देव प्रसन्न होते हैं. साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है. इसके अलावा इस दिन लोग गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करते हैं. आइए जानते हैं कि दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) कब है और इस दिन क्या करना अच्छा होता है. 

दर्श अमावस्या 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त | Darsh Amavasya 2022 Date and Shubh Muhurat


हिंदी पंचांग के मुताबिक दर्श अमावस्या 28 जून, मंगलवार यानी आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पड़ रही है. इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक है. वहीं अमृत काल सुबह 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 58 मिनट तक है. 

दर्श अमावस्या पर क्या करना माना गया है शुभ | What to do on Darsha Amavasya 2022


धार्मिक मान्यता के अनुसार, दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) के दिन चंद्रमा की पूजा करने से मन की शांति मिलती है. इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है, उन्हें दर्श अमावस्या के दिन चंद्रमा की पूजा करना लाभकारी होता है.  

आषाढ़ अमावस्या पर सुख-समृद्धि के लिए किए जाते हैं ये 7 खास उपाय, आप भी जानें

पितृ दोष के निवारण के लिए भी दर्श अमावस्या बेहद खास मानी जाती है. मान्यता है कि इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण करने से पितृ देव प्रसन्न होते हैं. जिससे जीवन में खुशहाली रहती है. 

जिन लोगों के काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं या किन्हीं कारणों से काम में बाधा उत्पन्न होती है. उन्हें दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने की सलाह दी जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से नौकरी में सफलता, बिजनेस में में वृद्धि, और अटके हुए सभी काम बनने लगते हैं. 

दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) के दिन व्रत और पूजा की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है. ऐसे में इस दिन स्नान के बाद अपनी क्षमता के अनुसार, किसी ब्राह्मण या जरुरतमंद व्यक्ति को दान करना शुभ होता है. इस दिन गंगा स्नान (Ganga Snan) को विशेष महत्व दिया जाता है. हालांकि गंगा स्नान का संयोग ना बनने पर घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है. 

दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) के दिन स्नान करने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इसके अलावा दर्श अमावस्या (Darsh Amavasya) के दिन तुलसी पूजा (Tulsi Puja) का विशेष महत्व बताया गया है.

Garuda Purana: मां लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो खुद कर लें इन 4 आदतों को दूर, जीवन हमेशा रहेगा खुशहाल

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

कुतुब मीनार में पूजा मामले में 9 जून को फैसला सुनाएगी साकेत कोर्ट

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com