फाइल फोटो
नयी दिल्ली:
हर साल आयोजित की जाने वाली कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा के संबंध में संसद की एक समिति ने इस यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए दिल्ली में ‘कैलाश भवन’ का निर्माण किए जाने की सिफारिश की है।
पर्यटन मंत्रालय की वर्ष 2016-17 की अनुदान मांगों पर संसद की पर्यटन, परिवहन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति ने आज राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में इस बात का संज्ञान लिया है कि हजारों कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्री दिल्ली से यात्रा करते हैं लेकिन दिल्ली में उनके लिए कोई निर्धारित आवास उपलब्ध नहीं है।
डा कंवर दीप सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने सदन में पेश की गयी रिपोर्ट में कहा है, ‘दिल्ली में तीर्थयात्रियों को खुद से आवास का प्रबंध करना पड़ता है जो दिल्ली जैसे बड़े शहर में बहुत ही महंगा होता है। इसलिए समिति सिफारिश करती है कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत दिल्ली में एक कैलाश भवन का निर्माण किया जाए ताकि कैलाश मानसरोवर के तीर्थयात्रियों को को सुविधा प्रदान की जा सके।’’ समिति ने इसके साथ ही सिफारिश की है कि आध्यात्मिक परिपथों में रामायण परिपथ को भी शामिल किया जाए तथा अयोध्या और रामायण से जुड़ी प्रमुख जगहों को भी इसमें शामिल किया जाए।
बौद्ध तीर्थस्थलों में पर्यटन की दृष्टि से बड़ी संभावना बताते हुए समिति ने सिफारिश की है कि बौद्ध गया, कुशीनगर, कपिलवस्तु और श्रावस्ती जैसे अधिकांश बौद्ध स्थलों पर अच्छी सड़कें नहीं हैं। वर्ष भर में बड़ी संख्या में घरेलू और विदेशी पर्यटक इन स्थानों का दौरा करते हैं।
ऐसे में समिति ने सिफारिश की है कि और अधिक पर्यटकों को आकषिर्त करने के लिए इन स्थानों पर वायु सेवा उपलब्ध कराने और सड़क तथा परिवहन प्रणाली को सुधारने की जरूरत है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
पर्यटन मंत्रालय की वर्ष 2016-17 की अनुदान मांगों पर संसद की पर्यटन, परिवहन और संस्कृति संबंधी स्थायी समिति ने आज राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में इस बात का संज्ञान लिया है कि हजारों कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्री दिल्ली से यात्रा करते हैं लेकिन दिल्ली में उनके लिए कोई निर्धारित आवास उपलब्ध नहीं है।
डा कंवर दीप सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने सदन में पेश की गयी रिपोर्ट में कहा है, ‘दिल्ली में तीर्थयात्रियों को खुद से आवास का प्रबंध करना पड़ता है जो दिल्ली जैसे बड़े शहर में बहुत ही महंगा होता है। इसलिए समिति सिफारिश करती है कि स्वदेश दर्शन योजना के तहत दिल्ली में एक कैलाश भवन का निर्माण किया जाए ताकि कैलाश मानसरोवर के तीर्थयात्रियों को को सुविधा प्रदान की जा सके।’’ समिति ने इसके साथ ही सिफारिश की है कि आध्यात्मिक परिपथों में रामायण परिपथ को भी शामिल किया जाए तथा अयोध्या और रामायण से जुड़ी प्रमुख जगहों को भी इसमें शामिल किया जाए।
बौद्ध तीर्थस्थलों में पर्यटन की दृष्टि से बड़ी संभावना बताते हुए समिति ने सिफारिश की है कि बौद्ध गया, कुशीनगर, कपिलवस्तु और श्रावस्ती जैसे अधिकांश बौद्ध स्थलों पर अच्छी सड़कें नहीं हैं। वर्ष भर में बड़ी संख्या में घरेलू और विदेशी पर्यटक इन स्थानों का दौरा करते हैं।
ऐसे में समिति ने सिफारिश की है कि और अधिक पर्यटकों को आकषिर्त करने के लिए इन स्थानों पर वायु सेवा उपलब्ध कराने और सड़क तथा परिवहन प्रणाली को सुधारने की जरूरत है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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