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This Article is From Nov 21, 2022

गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर 'स्मृति सिक्के' जारी, ऑस्ट्रेलिया के गुरुद्वारा को किया समर्पित

इस अवसर पर नेपाली उद्योगपति रविंदर सिंह सेठी ने बताया कि यह बहुत ही सुखद अनुभव है. सिख परंपरा के लिए ये खास पल है. स्मृति सिक्कों के ज़रिए हम सिख परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि हम नेपाली परंपरा और भाईचारे को आगे बढ़ा रहे हैं.

गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर 'स्मृति सिक्के' जारी, ऑस्ट्रेलिया के गुरुद्वारा को किया समर्पित
ऑस्ट्रेलिया स्थित ब्लैकबर्न गुरुद्वारा विक्टोरिया का सबसे पुराना गुरुद्वारा है.

AYOSA (Aitchison Yadavindra Old Students Association) ने एक विशेष कार्यक्रम में वाई.पी.एस. पटियाला के विशिष्ट एल्युमिनाइ और अयोसा सदस्य श्री रविंदर सिंह सेठी के सहयोग से गुरु नानक देव की 553वीं जयंती के उपलक्ष्य पर विक्टोरिया के सबसे पुराने ब्लैकबर्न गुरुद्वारा को स्मारक सिक्के भेंट किए. इन स्मारक सिक्कों को सेंट्रल बैंक ऑफ नेपाल ने तीन साल पहले 2019 में गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती पर जारी किया था. अयोसा के इस ऑस्ट्रेलिया-न्यूज़ीलैंड चैप्टर में इसके कई सदस्यों ने हिस्सा लिया. 


ऑस्ट्रेलिया स्थित ब्लैकबर्न गुरुद्वारा विक्टोरिया का सबसे पुराना गुरुद्वारा है. 1981 में मेंलबर्न में संगत के धार्मिक मामलों को चलाने के लिए की श्री गुरु नानक सिंह सभा की स्थापना की गई थी. आज ब्लैकबर्न में मौजूद गुरुद्वारा साहिब यहां की बढ़ती हुई संगत की जरूरतों को पूरा करने में हर तरह से सक्षम है. लोग यहां आकर सर्वश्रेष्ठ और पेशेवर रागियों को सुन सकते हैं. गुरुद्वारा साहिब में रागी जत्थे व कथा वाचक कीर्तन सुना कर संगत को निहाल करते हैं. ये गुरुद्वारा और घरों दोनों जगहों पर कार्यक्रमों के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करते हैं. इन्हें घर पर भी आमंत्रित कर कीर्तन सुना जा सकता है. 

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यादवेंद्र पब्लिक स्कूल अपने स्थापना की 75वीं सालगिरह मना रहा है. 1948 में पटियाला के महाराजा यादवेंद्र सिंह ने पंजाब के छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए इस स्कूल की स्थापना की थी. अयोसा उन्हीं की दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए यादविंद्रियों को सफल व्यक्ति, अनुकरणीय इंसान और कल के नेता बनने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करता है. 75 साल में इस स्कूल से कई बेहतरीन नायक बनकर उभरे हैं.

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इस अवसर पर नेपाली उद्योगपति रविंदर सिंह सेठी ने बताया कि यह बहुत ही सुखद अनुभव है. सिख परंपरा के लिए ये खास पल है. स्मृति सिक्कों के ज़रिए हम सिख परंपरा को आगे बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए गर्व की बात है कि हम नेपाली परंपरा और भाईचारे को आगे बढ़ा रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में नेपाल की संस्कृति का आगे बढ़ना सुखदायी है. उन्होंने कहा कि मैं 10 साल पहले यहां आया था, उसी समय मैंने सोचा था कि मैं इस गुरुद्वारे को कुछ समर्पित करना चाहता हूं.

इस मौके पर Yadavindra Public School के एल्मुनाई ने कहा है कि ये हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि सिख संस्कृति का दुनिया में विस्तार हो रहा है. लोग हमारी संस्कृति का आदर कर रहे हैं. इससे पहले भी 2019 में सेंट्रल बैंक ऑफ नेपाल ने गुरु नानक देव की जयंती के उपलक्ष्य में सिख प्रतीक वाले 100, 1000 और 2500 नेपाली रुपए के तीन सिक्के जारी किए थे.

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