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This Article is From Oct 30, 2022

Chhath Puja 2022 Day 3 : आज है छठ पूजा का तीसरा दिन, जानें शाम को कब दिया जाएगा सूर्य देव को अर्घ्य

Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya Time: छठ पूजा के तीसरे दिन आज संध्या काल में डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. आइए जानते हैं संध्या काल में सूर्य देव को अर्घ्य देने का सही समय और विधि.

Chhath Puja 2022 Day 3 : आज है छठ पूजा का तीसरा दिन, जानें शाम को कब दिया जाएगा सूर्य देव को अर्घ्य
Chhath Puja 2022 Day 3: छठ पूजा के तीसरे दिन आज जूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

Chhath Puja 2022 Sandhya Arghya date and Time: छठ पूजा के तीसरे दिन यानी आद 30 अक्टूबर के शाम के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, छठ पूजा का संध्या अर्घ्य कार्तिक माह की शुक्ल षष्ठी को दिया जाता है. इसके लिए छठ व्रती सूर्यास्त से पहले छठ घाट पर पहुंचते हैं. जहां जल में खड़े होकर सूर्यास्त की प्रतीक्षा करते हैं. शाम के समय जब सूर्यास्त होने लगता है तो छठ व्रती सूर्य देव को पहला अर्घ्य देते हैं. ऐसे में जानते हैं कि आज सूर्यास्त का समय क्या है और किस समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाएगा.

छठ पूजा के चार दिन


इस वर्ष छठ उत्सव 28 अक्टूबर को नहाय खाय (चतुर्थी) के साथ शुरू हुआ, जहां भक्त गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाते हैं, उसके बाद 29 अक्टूबर को खरना (पंचमी) या लोहंडा में डुबकी लगाते हैं, जहां एक दिन का निर्जला उपवास (बिना भोजन और पानी के) होता है. भक्तों के लिए सूर्यास्त और सूर्योदय का समय खास महत्व रखता है. पंचांग के अनुसार, इस साल छठ पर्व का संध्या अर्घ्य 30 अक्टूबर को यानी आज दिया जाएगा. 

संध्या अर्घ्य की तिथि और समय 

इस बार 30 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा. संध्या अर्घ्य के दिन सूर्यास्त का समय शाम लगभग 5:37 बजे होगा, जिसके दौरान भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा.

छठ पूजा के तीसरे दिन संध्या अर्घ्य का प्रसाद

छठ पूजा के चार दिवसीय त्योहार के तीसरे दिन, डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसे संध्या अर्घ्य या पहला अर्घ्य के रूप में जाना जाता है. छठ प्रसाद को तैयार करने के लिए एक विस्तृत तैयारी की जाती है जो त्योहार के तीसरे दिन से शुरू होने वाले त्योहार में बहुत महत्व रखता है.


व्रती और उनके परिवार के सदस्य दिन में जल्दी स्नान करते हैं और प्रसाद रखने के लिए बांस के नए सूप और टोकरियां खरीदते हैं. चावल, गन्ना, ठेकुआ, पकवान, टिकरी, ताजे फल, सूखे मेवे, पेड़ा, मिठाई, गेहूं, गुड़, मेवा, नारियल, घी, मखाना, अरुवा, धान, नींबू, गगल, सेब, संतरा, बोडी, इलायची, हरी अदरक और सूप में तरह-तरह के सात्विक खाद्य पदार्थ रखे जाते हैं.


ठेकुआ छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण प्रसाद माना जाता है जो मैदा, चीनी या गुड़ से बना होता है. आटे में गुड़ या चीनी और पानी का घोल मिलाकर एक आटा गूंथ लें जो बहुत अधिक सूखा या नरम न हो. जो लोग प्रसाद बना रहे हैं, वे आटे की लोई निकाल कर बेल कर सांचे पर दबाते हैं. फिर इसे पहले से गरम घी या तेल से भरी कड़ाही में डाल कर सुनहरा होने तक तल लिया जाता है. व्रती और परिवार के अन्य सदस्य सभी प्रसाद बनाने की रस्म में भाग लेते हैं.

संध्या अर्घ्य की पूजा विधि

प्रसाद की वस्तुओं से भरे बांस से बने सूप और टोकरियों को घाट पर ले जाया जाता है जहां सूर्य देव और छठी मैय्या को संध्या अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन भक्त न कुछ खाते हैं और न ही जल पीते हैं. निर्जला व्रत छठ के चौथे या अंतिम दिन के सूर्योदय तक जारी रहता है जब सूर्य भगवान और छठी मैय्या को उषा अर्घ्य दिया जाता है. छठ के अंतिम दिन अर्घ्य के बाद, बांस की टोकरियों से प्रसाद पहले व्रतियों द्वारा खाया जाता है और फिर परिवार के सभी सदस्यों और व्रतियों के साथ वितरित किया जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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