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This Article is From Mar 18, 2018

Chaitra Navratri: मां 'ब्रह्मचारिणी' का होता है नवरात्रि का दूसरा दिन, पूजा करते समय जरूर पढ़ें ये मंत्र

चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं. यह 18 मार्च से 26 मार्च तक चलेंगे. इन पूरे नौ दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी. आज दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाएगी.

Chaitra Navratri: मां 'ब्रह्मचारिणी' का होता है नवरात्रि का दूसरा दिन, पूजा करते समय जरूर पढ़ें ये मंत्र
चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन पूजे मां ब्रह्मचारिणी को...जानें मंत्र के साथ पूरी कहानी
नई दिल्ली: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की आराधना की गई. इसके बाद आज दूसरे दिन पूजी जाएंगी माता ब्रह्मचारिणी. यह नवरात्रि में पूजी जाने वाली मां दुर्गा का दूसरा स्वरुप हैं. आपको बता दें चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं. यह 18 मार्च से 26 मार्च तक चलेंगे. इन पूरे नौ दिनों में हर दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा होगी. यह हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है, इसीलिए यह पूरे भारत वर्ष और कुछ जगह विदेशों में यह बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. माता की पूजा के अलावा चैत्र नवरात्रि के नौवें दिन को राम जी के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. इसे राम नवमी भी बोलते हैं. चैत्र नवरात्रि को राम नवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है. इसी के साथ यह नवरात्रि वसंत के बाद गर्मियों की शुरुआत मानी जाती है.

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नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की गई. आज दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की होगी इसके बाद तीसरे दिन चंद्रघंटा, चौथे दिन कूष्माण्डा, पांचवे दिन स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी, सातवें दिन कालरात्रि, आठवें दिन महागौरी और नौवें दिन सिद्धिदात्री को पूजा जाता है. इसी के साथ नौवें दिन राम जी की पूजा भी करते हैं. यहां जानें मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी रूप की पूरी कहानी. 

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मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरुप की कहानी
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है. ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का मतलब होता है आचरण करने वाली. इस प्रकार ब्रह्मचारिणी का अर्थ हुआ तप का आचरण करने वाली. इन मां के दाहिने हाथ में जप करने वाली माला होती है और बाएं हाथ में कमंडल. पौराणिक कथाओं के अनुसार माता ब्रह्मचारिणी ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए बहुत तपस्या की थी. इसी वजह से उन्हें तपश्चारिणी भी कहते हैं. 

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देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र 
माता ब्रह्मचारिणी का पूजन करते समय नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें. 

या देवी सर्वभू‍तेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।


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इस मंत्र का अर्थ है :  हे मां! सर्वत्र विराजमान और ब्रह्मचारिणी के रूप में प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूं.

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