चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं और इसी के साथ हिन्दू नव वर्ष का आरंभ भी हो गया है. नवरात्रि की इन नौ रातों में शक्ति की देवी मां दुर्गा के अलग-अलग नौ रूपों की उपासना की जाती है. इस दौरान साधक नौ दिनों तक व्रत रखकर मां भगवती को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. नवरात्रि में देव मां की मूर्ति, फोटो या कैलेंडर के आगे अखंड ज्योति जलाने का भी विधान है. नवरात्रि की इस अखंड ज्योति का विशेष महत्व होता है. आपने देखा होगा मंदिरों और घरों में नवरात्रि के दौरान दिन-रात जलने वाली ज्योति जलाई जाती है. माना जाता है हर पूजा दीपक के बिना अधूरी है और ये ज्योति ज्ञान, प्रकाश, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक होती है. अगर आप भी अपने घर के मंदिर नवरात्र के दौरान अखंड ज्योति जलाना चाहते हैं तो आपको कुछ नियमों का पालन करना चाहिए.
अखंड ज्योति से जुड़े नियम (Akhand Jyoti Rules)
1. दीपक जलाने के लिए बड़े आकार का मिट्टी या पीतल का दीपक लें.
2. अखंड ज्योति का दीपक कभी खाली जमीन पर ना रखें.
3. इस दीपक को लकड़ी के पटरे या किसी चौकी पर रखें.
4. दीपक रखने से पहले उसमें रंगे हुए चावल डालें.
5. अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाती है. इसके लिए सवा हाथ का रक्षा सूत्र लेकर उसे बाती की तरह बनाएं और फिर दीपक के बीचों-बीच रखें.
6. अब दीपक में घी डालें. अगर घी ना हो तो सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं.
7. मान्यता अनुसार अगर घी का दीपक जला रहे हैं तो उसे देवी मां के दाईं ओर रखना चाहिए.
8. दीपक जलाने से पहले गणेश भगवान, मां दुर्गा और भगवान शिव का ध्यान करें.
9. अगर किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए यह अखंड ज्योति जला रहे हैं तो पहले हाथ जोड़कर उस कामना को मन में दोहराएं.
10. ये मंत्र पढ़ें.
"ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।"
11. अब दीपक के आस-पास कुछ लाल फूल भी रखें.
12. ध्यान रहे अखंड ज्योति व्रत समाप्ति तक बुझनी नहीं चाहिए. इसलिए बीच-बीच में घी या तेल डालते रहें और बाती भी ठीक करते रहें.
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