तिरुपति मंदिर (फाइल फोटो)
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने देश भर के कई प्रसिद्ध तीर्थस्थलों को चिह्नित किया है, जहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की सफाई की जाएगी और इनमें विदेशी विशेषज्ञों को भी शामिल किए जाने की योजना है। सरकार के शीर्ष अधिकारियों के अनुसार विश्व बैंक भी इसमें तकनीकी सहयोग देगा।
इस परियोजना के तहत वैष्णो देवी, तिरुपति, अजमेर शरीफ सहित जिन प्रसिद्ध तीर्थस्थलों शामिल किया गया है, उनकी सूची और संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है:
मणिकर्णिका घाट
यह उत्तरप्रदेश के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक शहर बनारस में गंगा किनारे स्थित प्रसिद्ध अंत्येष्टि घाट स्थल है। प्राचीन ग्रन्थों के अनुसार मणिकर्णिका घाट का स्वामी वही चाण्डाल था, जिसने सत्यवादी राजा हरिशचंद्र को खरीदा था।
वैष्णो देवी
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित माता वैष्णो देवी में औसतन 25 से 30 हजार श्रद्धालु रोज आते हैं। नवरात्रों, त्योहारों और अवकाश के दिनों में यहां अपार भीड़ उमड़ती है।
तिरूपति
आंध्रप्रदेश की तिरुमाला शृंखला की सातवीं पहाड़ी स्थित भगवान व्यंकटेश बालाजी को समर्पित तिरुपति मंदिर को दुनिया सबसे धनी मंदिर माना जाता है। यहां औसतन 50 हजार श्रद्धालु रोज आते हैं।
अजमेर शरीफ
राजस्थान के अजमेर में स्थित सूफी संत मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह पर देश-विदेश से लाखों लोग अकीदत के फूल चढाने आते हैं। इसे दरगाह शरीफ के नाम से भी जाना जाता है।
स्वर्ण मंदिर
पंजाब के अमृतसर में स्थित यह सिख धर्मावलम्बियों का सबसे लोकप्रिय और विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। पांचवें सिख गुरु अर्जुनदासजी द्वारा बनवाये लगभग 400 साल पुराने इस गुरुद्वारे को गोल्डन टेम्पल और दरबार साहिब भी कहा जाता है।
मीनाक्षी मंदिर
तमिलनाडु राज्य के मदुरई में स्थापित मीनाक्षी मंदिर, देवी मीनाक्षी को समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव की पत्नी पार्वती का रूप माना जाता है। मीनाक्षी का अर्थ है मछली के समान या आकार की आंख वाली देवी। यह मन्दिर मदुरई की जीवनरेखा है।
कामाक्षी मंदिर
यह मंदिर भी तमिलनाडु में स्थित है। कामाक्षी अम्मान मंदिर देवी त्रिपुर सुंदरी रूप में देवी कामाक्षी को समर्पित है, जो कांचीपुरम स्थित है। इस तीर्थस्थान से आदिगुरु शंकराचार्य का नाम भी जुड़ा है।
जगन्नाथपुरी
ओडिशा के पुरी नगर में स्थापित जगन्नाथपुरी मंदिर भगवान जगन्नाथ, बलराम और उनकी बहन सुभद्रा को समर्पित है। आषाढ़ के महीने में यहां हर साल रथयात्रा का आयोजन होता है, जिसमें भाग लेने के लिए देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस साल रथयात्रा का आयोजन 6 जुलाई से आरम्भ होगा।
इनपुट भाषा से भी ...