Bhaum pradosh vrat Vidhi : हर माह में दो प्रदोष व्रत पड़ते हैं यानी साल में कुल 24. आज अक्टबूर माह का आखिरी प्रदोष व्रत है. मंगलवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को भौम प्रदोष कहते हैं. इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा आराधना की जाती है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत को करने से सारे कष्ट दूर होते हैं और कर्ज से मुक्ति मिलती है. साथ ही हर प्रकार के दोष भी दूर होते हैं. ऐसे में आइए इस विशेष व्रत की पूजा सामग्री और विधि जान लेते हैं.
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प्रदोष व्रत पूजा सामग्री - Pradosh Vrat Puja samagri
आप प्रदोष व्रत पूजा में पुष्प, पंच फल, पंच मेवा, रत्न, चांदी, दक्षिणा, गंध रोली, जौ, चंदन, सिंगार का सामान, गन्ने का रस, पंच रस, मौली जनेऊ, पांच मिठाई, बेलपत्र, धतूरा, भांग, बेर, गंगाजल, कच्चा दूध, कपूर, धूप, दीप, तुलसी दल आदि शामिल करें.
प्रदोष व्रत पूजा विधि - Pradosh vrat puja vidhi
भौम प्रदोष (bhaum pradosh vrat) व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें
इसके बाद साफ कपड़े धारण करें.
फिर घर के मंदिर की साफ सफाई करके गंगाजल छिड़किए.
फिर शिव और माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करिए.
इसके बाद बेलपत्र, धतुरा, फल, फूल, भांद आदि अर्पित करें.
पूजा का शुभ मुहूर्त
इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 51 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 21 मिनट तक रहेगा.
भौम प्रदोष व्रत के लाभ - Bhaum pradosh vrat labh
धार्मित मान्यता है कि ये व्रत करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं.
साथ ही शनि की साढ़ेसाती और मांगलिक दोष भी दूर होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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