Bhaum pradosh vrat 2024 : हर महीने की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रख जाता है. यह दिन शिव जी की पूजा अर्चना के लिए होता है. प्रदोष व्रत के दिन भक्त विधि-विधान से पूजा करते हैं. इस उपवास को लेकर को मान्यता है कि सच्चे मन से भोलेनाथ की भक्ति करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख शांति बनी रहती है. अक्तूबर की 15 तारीख को पड़ने वाले प्रदोष व्रत मंगलवार को पड़ रहा है. ऐसे में आइए जानते हैं पूजा मुहूर्त और विधि.
भौम प्रदोष पूजा मुहूर्त - Bhauma Pradosh Puja Muhurta
शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 51 मिनट से शुरू होगा, जो रात 8 बजकर 21 मिनट तक रहेगा. भौम प्रदोष व्रत के दिन शिव पूजा के लिए आपको 2 घंटे 30 मिनट का शुभ समय मिल रहा है.
भौम प्रदोष व्रत शुभ योग - Bhauma Pradosh yoga
- इस बार भौम प्रदोष व्रत के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. वृद्धि योग प्रात: काल से बनेगा जो दोपहर 2 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. इसके बाद ध्रुव योग, रवि योग औार सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेंगे.
- भौम प्रदोष व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग 10 बजकर 8 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 16 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 23 मिनट पर समाप्त होगा. वहीं रवि योग रात में 10:08 बजे से लेकर अगले दिन सुबह 06:23 बजे तक रहेगा.
- इसके अलावा पूर्व भाद्र पक्ष नक्षत्र है, जो सुबह 10 बजकर 8 मिनट तक रहेगा. इसके बाद उत्तर भाद्रपद नक्षत्र शुरू होगा.
भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि - Bhaum pradosh Puja vidhi
अगर आप व्रत रखते हैं, तो हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प लीजिए. फिर शाम के समय घर के मंदिर में दीपक जलाएं. फिर शिव मंदिर या घर में भगवान शिव का अभिषेक करें और भौम प्रदोष व्रत की कथा सुनें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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