मध्यप्रदेश में शीतलहर का असर बना हुआ है, सर्द हवाएं इंसान को कंपकंपा दे रही है. ऐसे में भक्तों को अपने भगवान की चिंता भी सताने लगी है. वे प्रतिमाओं को गर्म पोशाक पहनाए जाने के साथ ही अलाव जला रहे हैं और प्रभु के लिए हीटर का इंतजाम कर रहे हैं. भावुक भक्त मानते हैं कि उनकी तरह उनके आराध्य को भी ठंड लग रही होगी.
राज्य में शीतलहर चल रही है, सुबह और रात में कोहरा जनजीवन को प्रभावित कर रहा है. कई स्थानों पर बढ़ती ठंड के मद्देनजर स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है, वहीं जगह-जगह अलाव जलाए जा रहे हैं. अब तो भक्तगण अपने आराध्य की भी चिंता करने लगे हैं और प्रतिमाओं को गर्म व उनी पोशाक पहनाई जा रही है.
राजधानी के तलैया क्षेत्र में स्थित बांके बिहारी के मंदिर में प्रतिमाओं को ऊनी कपड़ों की पोषाक पहनाई गई है, वहीं गर्म पेय पदार्थ का प्रसाद लगाया जा रहा है. मंदिर के पुजारी रामनारायण आचार्य के अनुसार, मंदिर में प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद माना जाता है कि प्रतिमा में भी प्राण हैं, इसलिए प्रतिमाओं का भी विशेष ध्यान रखा जाता है.
इसी तरह कायस्थपुरा के बड़वाले महादेव के मंदिर में भी भगवान को गर्म कपड़ों की पोशाक पहनाई गई है और अलाव भी जलाया जा रहा है. गर्भगृह में सर्दी के चलते विशेष व्यवस्था की गई है.
राजधानी के तुलसी नगर स्थित बागेश्वरी मंदिर में बढ़ती सर्दी के चलते सभी प्रतिमाओं को गर्म शॉल उढ़ाई गई है. इसी तरह श्रीजी मंदिर के गर्भगृह में रुई से बने ऊंचे-ऊंचे पर्दे लगाए गए हैं, ताकि सर्द हवाओं का गर्भगृह में प्रवेश न हो सके.
इंदौर के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर में ठंड से बचाव के लिए भगवान गजानन के साथ ही अन्य प्रतिमाओं को ऊनी और गर्म पोशाक पहनाई जा रही है. इसके अलावा कई मंदिरों में भगवान के सामने हीटर भी जलाए जा रहे हैं.
खजराना गणेश मंदिर के पुजारी पंडित अशोक भट्ट के मुताबिक, खजराना गणेश मंदिर में जितने भी भगवान के मंदिर हैं, सभी में भगवान ऊनी और गर्म पोशाक में दर्शन दे रहे हैं. खजराना गणेश मंदिर में भगवान गणेश के लिए खास तौर से ऊनी रजाई तैयार की गई है.
वर्षों से चली आ रही मान्यता और परंपरा के अनुसार, माघ मास की ग्यारस से भगवान गणेशजी को ऊनी और कंबल की पोशाकें रोज रात 11 बजे धारण कराई जाती हैं और सुबह छह बजे इन्हें निकाल दिया जाता है.
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