
Balram Jayanti 2025 Puja Vidhi: आज बलराम जयंती है. हर साल जन्माष्टमी से पहले कान्हा के बड़े भाई बलराम के जन्मोत्सव पर व्रत और पूजन का विधान है. इस दिन मुख्य रूप से महिलाएं इस व्रत को पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ रखती हैं. चूंकि बलराम जी अपने साथ हमेशा हल रखते थे इसलिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है. हालांकि उनका नाम बलराम बलवानों में सबसे श्रेष्ठ होने के कारण पड़ा. आइए कृष्ण के बलदाउ की जयंती पर किस विधि से करें पूजा? क्या है बलराम जयमी की पूजा के लाभ? इसे विस्तार से जानते हैं.
बलराम जयंती का शुभ मुहूर्त
देश की राजधानी दिल्ली के समयानुसार भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की षष्ठी तिथि आज 14 अगस्त 2025 को सुबह 04:23 बजे प्रारंभ होकर कल 15 अगस्त को पूर्वाह्न 02:07 बजे तक रहेगी. आज भगवान बलराम की पूजा के लिए सबसे अच्छा अभिजित मुहूर्त प्रात:काल 11:59 से लेकर दोपहर 12:52 बजे तक रहेगा. ऐसे में इस दौरान भगवान बलराम की विशेष रूप से पूजा करें.

बलराम जयंती की पूजा विधि
आज बलराम जयंती के दिन व्यक्ति को स्नान-ध्यान करने के बाद भगवान बलराम के चित्र को चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर रखना चाहिए. इसके बाद उस चित्र पर पवित्र जल छिड़कें. इसके बाद पीले रंग के पुष्प, हल्दी, चंदन, रोली, अक्षत, फल, वस्त्र, भोग आदि लगाकर उनकी विधि-विधान से पूजा करें. आज बलराम जी की पूजा में बलराम सहस्त्रनाम का पाठ करने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है.
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भगवान बलराम का आशीर्वाद पाने के लिए उनके मंत्रों का जप अवश्य करें. मंत्र जप के बाद शंख ध्वनि करें तथा श्रद्धा और विश्वास के साथ बलराम जी की आरती करें. आरती के बाद पूजा में हुई भूल-चूक अथवा किसी कमी के लिए माफी मांगते हुए अपनी कामना उनके सामने कहें. पूजा के बाद भगवान बलराम का प्रसाद स्वयं ग्रहण करें तथा अधिक से अधिक लोगों को बांटें.
बलराम जयंती की पूजा धार्मिक महत्व
लोक परंपरा में भगवान बलराम को शक्ति, सौभाग्य और करुणा का देवता माना गया है. उत्तर भारत में बलराम जयंती को ललही छठ या हरछठ आदि के नाम से मनाया जाता है. बलराम भगवान की पूजा करने पर न सिर्फ संतान का बल्कि पूरे परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है. भगवान बलराम को कृषि का देवता भी माना जाता है. यही कारण है कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में आज के दिन किसान अपने हल की विशेष पूजा करते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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