Baisakhi Wishes: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बैसाखी की शुभकामनाएं दी हैं
नई दिल्ली: आज बैसाखी है. यह किसानों का त्योहार है और इसे मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा मे मनाया जाता है. इस दौरान फसलें पककर तैयारी हो जाती हैं और इसी खुशी में लोग जश्न मनाते हैं. बैसाखी को देश के अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न नामों से जाना जाता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैसाखी, विशु, पुथांदु, मसादी और बहाग बिहू पर्वों की सोमवार को देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि देश परीक्षा के दौर से गुजर रहा है और ये त्यौहार संकट पूर्ण परिस्थितियों से जूझने के लिये नई ऊर्जा देते हैं.
राष्ट्रपति ने बैसाखी की शुभकामनाएं देते हुए ट्वीट किया, "बैसाखी की सभी देशवासियों, विशेषकर पंजाब के हमारे भाइयों और बहनों को हार्दिक बधाई. मेरी शुभकामना है कि यह पर्व सभी के जीवन में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का संचार करे."
वहीं, अपने संदेश में उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, "बैसाखी के अवसर पर देशवासियों विशेषकर किसान भाइयों को शुभकामनाएं देता हूं, आपके तथा आपके स्वजनों के बेहतर स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं. यह हमारे किसान भाइयों के श्रम और संकल्प का उत्सव है." उन्होंने कोरोना संकट के कारण उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिये देशवासियों से सभी जरूरी एहतियात बरतने का भी आह्वान किया.
नायडू ने कहा, "आज जब विश्व स्वास्थ्य आपदा का सामना कर रहा है, इस पर्व को घर में रह कर अपने परिजनों के साथ सौहार्द्र और उल्लासपूर्वक मनाएं."
उन्होंने अपील की, "सामुदायिक व्यवहार में दूरी रखना तथा निजी स्वच्छता ही इस संक्रमण के कारगर प्रतिकार हैं, इनका पालन करें. यह संयम ही वृहत्तर समाज के प्रति आपकी सद्भावना को अभिव्यक्त करता है. घर पर रहें, सुरक्षित और स्वस्थ रहें."
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी देशवासियों को बैसाखी की शुभकामनाएं दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "बैसाखी के पावन अवसर पर देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं. नई उमंगों से जुड़ा यह त्योहार सभी के जीवन में नई ऊर्जा और नए उत्साह का संचार करे."
पीएम मोदी ने ओडिया नववर्ष के अवसर पर मनाए जाने वाले पर्व महा बिशुबा पान संक्रांति की भी शुभकामनाएं दीं.
आपको बता दें कि बैसाखी मुख्य रूप से किसानों का पर्व है. यह पंजाब, हरियाणा और आसपास के प्रदेशों का प्रमुख त्योहार है. इस दौरान रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है. फसल काटने के बाद किसान नए साल का जश्न मनाते हैं. यही नहीं बैसाखी के दिन ही 1969 में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना की थी.
बैसाखी सिखों के नए साल का पहला दिन है. इसके अलावा बैसाखी के दिन सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है इसलिए भी इसे त्योहार के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर बैसाखी की शुभकामनाएं देते हैं और जगह-जगह पर मेले लगते हैं. हिन्दुओं में बैसाखी के दिन धार्मिक नदियों में नहाना मंगलकारी माना जाता है. हालांकि इस बार कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश व्यापी लॉकडाउन है. ऐसे में बैसाखी पर होने वाले सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. आप भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अपने घर में ही रहें और परिवार के साथ बैसाखी की खुशियां बांटें.
इनपुट: भाषा