उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में अब तक 39 लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 200 लोग घायल हैं. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर हुए इस बवाल पर दिल्ली पुलिस अपराधा शाखा की एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है. एसआईटी यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली क्यों और कैसे जला? यह हादसा था या फिर सोची समझी रणनीति के तहत फैलाई गई हिंसा? इस हिंसा के पीड़ित दिल्ली में अपना घर होते हुए भी बेघर हो गए हैं और सुरक्षित पनाह की तलाश में हैं. ऐसे में दिल्ली के गुरुद्वारे पहले ही पीड़ितों के लिए अपने दरवाजे खोल चुके हैं, लेकिन अब चर्च भी आगे आए हैं.
यह भी पढ़ें: हिंसा के बीच दिल्ली के गुरुद्वारों ने पीड़ितों के लिए खोले दरवाजे
नेशनल हेराल्ड की खबर के मुताबिक नेशनल काउंसिफ ऑफ चर्च (NCCI) ने आधिकारिक घोषणा की है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के पीड़ितों को उनके यहां पनाह दी जाएगी.
NCCI ने ऑनलाइन एक बयान जारी कर हिंसा की घोर निंदा करते हुए कहा, "एक बार फिर इंसानियत को कुचला गया. हमारे घर जलाए गए. हमारे भाईचारे को मारा गया. हमारी शांति को नष्ट किया गया और भविष्य को धोखा दिया गया. हमने अपने भूतकाल से कुछ नहीं सीखा. हमारे राष्ट्र की राजधानी दिल्ली में जो कुछ हुआ वह हमें एक बार फिर गर्त में ले गया है."
NCCI ने स्थिति को नियंत्रित करने में नाकाम रही सरकार की भी आलोचना की है और इसी के साथ लोगों से जरूरतमंदों की मदद करने की अपील भी की है. बयान के मुताबिक, "हम ऐसे समय में क्रिश्चिन समुदाय के तमाम सदस्यों से अपील करते हैं कि वे एक-दूसरे की मदद करें. साथ ही उन लोगों की मदद के लिए भी आगे आएं जो अलग धर्म और विचारधारा को मानने वाले हैं. हम झुकेंगे नहीं, हम फिर उठ कर खड़े होंगे."
इसके बाद बयान में प्रभावित क्षेत्रों के चर्च और क्रिश्चिन संगठनों से अपील की गई है कि वे पीड़ितों के लिए अपने दरवाजे खोल दें. बयान में कहा गया है, "हम प्रभावित क्षेत्र में व्याप्त चर्च और क्रिश्चिन समुदायों से अपील करते हैं कि वे जरूरमंदों की मदद करें. हम दुख की इस घड़ी में पीड़ित समुदाय के साथ खड़े होने की विनती करते हैं. साथ ही शांति और मानवीय सुरक्षा का माहौल बनाने की भी विनती करते हैं."
बहरहाल, ऐसे नाजुक समय में लोगों की मदद के द्वारा ही जख्मों पर मलहम लगाया जा सकता है ताकि इंसानों का इंसानियत पर विश्वास कायम रह सके.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं