Nag Panchami 2021 : नाग पंचमी के त्यौहार का हिन्दू संस्कृति में विशेष महत्व है. इस दिन नाग सर्पों के रूप में नाग देवता का पूजन किया जाता है. ऐसी धार्मिक मान्यता है, कि भगवान श्रीकृष्ण ने आज ही के दिन कालिया नाग का मान मर्दन किया था, जिसके बाद ना चाहते हुए भी कालिया नाग को युमना नदी को छोड़कर समुद्र की ओर जाना पड़ा था. सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग पंचमी (nagpanchmi) मनाई जाती है. इस साल नाग पंचमी 13 अगस्त को है और इस दिन 108 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग है कि इस दिन की गई नाग देवता की पूजा लाभकारी सिद्ध हो सकती है. इस साल नाग पंचमी के दिन उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र के साथ ही शिन नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो कालसर्प दोष निवारण के लिए विशेष तौर पर पर प्रभावकारी बताया जा रहा है.
दुर्लभ संयोग बन रहा है
हिन्दू संस्कृति में हर त्योहार ज्योतिष गणना के आधार पर मनाया जाता है. ऐसे में साल 2021 में नाग पंचमी का त्यौहार 13 अगस्त के दिन यानि सावन महीने की शुक्ल पक्ष की नाग पंचमी के दिन मनाया जायेगा. ज्योतिष गणना के अनुसार नागपंचमी के दिन 108 साल बाद एक ही दिन उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र (nakshatra) के साथ ही शिन नक्षत्र (nakshatra) का दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है. ये संयोग इसलिए भी खास है, क्योंकि इस नक्षत्र में नाग देवता के पूजन का विशेष महत्व होने के साथ ही जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है. वे लोग शिन नक्षत्र में इस दोष के निवारण के लिए नाग देवता का पूजन करते हैं.
कालसर्प दोष निवारण का है सही वक्त
108 साल पहले नागपंचमी के दिन उत्तरा योग, हस्त नक्षत्र के साथ शिन नक्षत्र का दुर्लभ संयोग बना था. ऐसे में 2021 में नाग पंचमी का त्यौहार बेहद खास हो गया है. क्योंकि ऐसे बहुत से लोग है, जो कालसर्प दोष निवारण के लिए सही वक्त का इंतजार कई सालों से कर रहे थे. इसलिए वे सभी लोग इस पावन नक्षत्र में नाग देवता के पूजन का विशेष लाभ ले सकते है. क्योंकि पूरे 108 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बनने जा है.
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