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This Article is From Dec 15, 2022

Adhik Maas 2023: 19 साल बाद नए साल में बनेंगे अद्भुत योग, 2 माह तक लगातार बरसेगी शिवजी की कृपा

Adhik Maas 2023: आने वाले नए साल में भक्तों को शिव जी की उपासना करने के लिए इस बार एक नहीं बल्कि दो महीने का समय मिलेगा. जी हां, साल 2023 में दो माह तक सावन का महीना रहेगा.

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Adhik Maas 2023: 19 साल बाद नए साल में बनेंगे अद्भुत योग, 2 माह तक लगातार बरसेगी शिवजी की कृपा
साल 2023 में मलमास के कारण सावन का महीना एक नहीं बल्कि दो माह तक रहेगा.

Adhik Maas 2023: नए साल की शुरुआत होते ही, हर कोई उस साल में आने वाले तीज-त्योहार के बारे में जानना चाहता है. साल 2023 में कई सारे परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. ज्योतिषीयों का कहना है कि आने वाले साल 2023 में मलमास के कारण सावन का महीना एक नहीं बल्कि दो माह तक रहेगा. हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में 12 नहीं बल्कि 13 महीनों का साल होगा. ऐसे में सावन का महीना 2 माह तकर रहने वाला है. 

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार शिव भक्तों को महादेव की कृपा पाने के लिए एक माह नहीं बल्कि दो माह का समय मिलने वाला है. क्योंकि इस साल अधिक मास रहेगा. शास्त्रों में इसे मलमास भी कहा जाता है. 19 साल बाद ऐसा अद्भुत योग बन रहा है कि सावन का महीना दो माह तक रहेगा. 

जानें क्या होता है मलमास 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर तीन साल में एक अतिरिक्त माह का प्राकट्य होता है. इसे अधिकमास, मलमास या फिर पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है. बता दें कि जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है. सूर्य हर माह अपना राशि परिवर्तन करते हैं. लेकिन जिस माह संक्रांति नहीं होती उसे अधिकमास या मलमास के नाम से जाना जाता है. ऐसे में शुभ और मांगलिक कार्यों की रोक होती है. 

मलमाल माह कब से कब तक है

बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2023 में मलमास का महीना 18 जुलाई से शुरू होगा और 16 अगस्त 2023 तक रहेगा.  बता दें कि हर तीन साल यानि हर 32 महीने और 16 दिन के बाद मलमास आता है.

अधिकमास का महत्व 

अधिक मास की पूर्णिमा का महत्व बहुत अधिक है. अधिक मास भगवान विष्णु को समर्पित है. इसे मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. इस दौरान विष्णु जी की पूजा करना मंगलमय होता है. इस मास में आने वाली पूर्णिमा पर विष्णु जी के श्री सत्यनारायण अवतार की अराधना की जाती है. साथ ही व्रत भी किया जाता है. अधिक मास की पूर्णिमा पर स्नान, दान-पुण्य करने पर व्यक्ति को कई गुना लाभ प्राप्त होता है. इस दौरान व्यक्ति श्री सत्यनारायण की कथा भी सुनते हैं. इससे व्यक्ति को मिलने वाला लाभ दोगुना हो जाता है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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