
- हनुमान जी को प्राप्त थीं अष्ठ सिद्धियां.
- हनुमान चालीसा में अष्ट सिद्धि और नव निधि का वर्णन है.
- मां जानकी ने दिया था हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों का वरदान.
Hanuman Chalisa: भगवान श्रीराम के प्रिय भक्त हनुमान जी (Hanuman Ji) को अष्ट सिद्धि (ashta siddhi) और नौ निधि (nav nidhi) के दाता के रूप में भी जाना जाता है. जिसका जिक्र हनुमान चालीसा (Hanuman Chalisa) की चौपाई में किया गया है. कहा जाता है कि हनुमान जी की भक्ति से आठ प्रकार की सिद्धियां नौ प्रकार की निधियां साकार हो जाती हैं. गोस्वामी तुलसीदास जी (Tulsidas) ने हनुमान चालीसा में हनुमान जी की शक्ति, पराक्रम और बुद्धि का बखान किया है. इसके अलावा उन्होंने हनुामान चालीसा में हनुमान जी की आठ सिद्धियां और नौ निधियों के बारे में भी बताया है. आइए जानते हैं हनुमान जी की 8 सिद्धियों के बारे में.
हनुमान जी की 8 सिद्धियां | 8 Siddhis of Hanuman ji
हनुमान जी की आठ सिद्धियों के बारें हनुमान चालीसा के अलावा मार्कंडेय पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी अष्ट सिद्धियों का वर्णन किया गया है. हनुमान जी की आठ सिद्धियां इस प्रकार हैं.
अणिमा: कहा जाता है कि इस सिद्धि के सहारे हनुमान जी कभी भी अति सूक्ष्म रूप धारण कर लिया करते था.
महिमा: मान्यतानुसार, इस सिद्धि के बल पर हनुमान जी ने कई बार विशाल रूप धारण किया.
गरिमा: मान्यता है कि इस सिद्धि की मदद से हनुमान जी खुद का भार किसी विशाल पर्वत के समान कर लेते थे.
लघिमा: इस सिद्धि के सहारे हनुमान जी खुद का भार बिल्कुल हल्का कर लेते थे. साथ ही वे पल भर में कहीं भी आ-जा सकते थे.
प्राप्ति: इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी किसी भी वस्तु को तुरंत ही प्राप्त कर लेते थे. पशु-पक्षियों की भाषा को समझ लेते थे. आने वाले समय का पूर्व आकलन कर सकते थे.
प्राकाम्य: इस सिद्धि की मदद से हनुमान जी पृथ्वी की गहराइयों में यानी पाताल तक जा सकते थे. साथ ही आकाश में उड़ सकते थे. अपनी इच्छानुसार पानी के भीतर जीवित रह सकते थे.
ईशित्व: इस सिद्धि की मदद से हनुमानजी को दैवीय शक्तियां प्राप्त हुईं.
वशित्व: इस सिद्धि के प्रभाव से हनुमानजी मन पर नियंत्रण रख लेते थे.
अष्ट सिद्धियों और नव निधियों का महत्व | Significance of Ashta Siddhi and Nav Nidhi
कहा जाता है कि हनुमान जी को अष्ट सिद्धियों और नौ निधियों का वरदान मां जानकी ने दिया था. माना जाता है कि इन शक्तियों को संभालने की क्षमता भी हनुमान जी में ही थी. नौ निधियों को सबसे कीमती माना गया है. जिसे प्राप्त कर लेने से किसी भी प्रकार के धन और संपत्ति की जरुरत नहीं पड़ती है. हनुमानजी के पास आठ प्रकार की सिद्धियां थीं. इनके प्रभाव से वे किसी का भी रूप धारण कर सकते थे. अत्यंत सूक्ष्म से लेकर अति विशालकाय देह धारण करने में सक्षम थे. जहां चाहे वहां मन की शक्ति से पल भर में पहुंच सकते थे.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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