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This Article is From Feb 07, 2024

13 या 14 फरवरी, किस दिन मनाई जाएगी बसंत पंचमी ? अगर आपको भी है कन्फ्यूज़न तो नोट कर लें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का विशेष महत्व होता है, जो माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. लेकिन इस बार यह दिन 13 फरवरी को पड़ेगा या 14 फरवरी को आइए हम आपको बताते हैं.

13 या 14 फरवरी, किस दिन मनाई जाएगी बसंत पंचमी ? अगर आपको भी है कन्फ्यूज़न तो नोट कर लें सही तारीख और शुभ मुहूर्त
 अब बात आती है कि बसंत पंचमी की पूजा हमें कैसे करनी चाहिए?

Basant Panchami 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी (Basant Panchami) का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि कोई भी हिंदू त्योहार एक दिन नहीं बल्कि दो दिन मनाया जाता है. ऐसे में बसंत पंचमी की तारीख को लेकर भी लोगों को कई सारी कन्फ्यूजन है कि बसंत पंचमी 13 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी या 14 फरवरी को मनाई जाएगी? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं ज्योतिषों (Astrologers) के अनुसार बसंत पंचमी की सही तिथि कौन सी है और किस दिन आप व्रत, पूजन और दान आदि कर सकते हैं.

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बसंत पंचमी 2024 डेट - हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी की शुरुआत 13 फरवरी को दोपहर 2:41 से हो जाएगी और अगले दिन यानी कि 14 फरवरी को दोपहर 12:09 तक रहेगी, हालांकि उदया तिथि 14 जनवरी को है. ऐसे में बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी को ही मनाया जाएगा.इतना ही नहीं इस बार बसंत पंचमी के मौके पर रेवती नक्षत्र भी बन रहा है. इसके अलावा रवि योग, अश्विनी नक्षत्र और शुक्ल योग भी बनने जा रहा है.

क्यों मनाई जाती है बसंत पंचमी - धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बसंत पंचमी के दिन सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा के मुख से ज्ञान और विद्या की देवी मां सरस्वती प्रकट हुई थी. ऐसे में बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है और पीले रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं. उन्हें पीले रंग का भोग लगाया जाता है और इस दिन नई किताबों की पूजा करना भी बहुत शुभ माना जाता है.

बसंत पंचमी की पूजा - अब बात आती है कि बसंत पंचमी की पूजा हमें कैसे करनी चाहिए? तो सबसे पहले ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें, सरस्वती पूजा के लिए पीले रंग के कपड़े पहने. साथ ही देवी मां को भी पीले रंग के वस्त्र पहनाएं या केसर का तिलक जरूर लगाएं. इसके अलावा मां सरस्वती को पीले रंग के फूल और पीले रंग का भोग अर्पित करें. पूजा के दौरान ॐ श्री सरस्वती शुक्लवर्णां सस्मितां सुमनोहराम्।। कोटिचंद्रप्रभामुष्टपुष्टश्रीयुक्तविग्रहाम्। वह्निशुद्धां शुकाधानां वीणापुस्तकमधारिणीम्।। रत्नसारेन्द्रनिर्माणनवभूषणभूषिताम्। मंत्र का जाप करें. कहते हैं सच्चे दिल से बसंत पंचमी के दिन अगर मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाए तो वह धन, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद देती हैं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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