भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने करगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए कैप्टन विक्रम बत्रा के गृहनगर पालमपुर (हिमाचल प्रदेश) में उन्हीं का प्रसिद्ध संवाद 'ये दिल मांगे मोर' दोहराकर वोट मांगे। रैली में नरेंद्र मोदी ने अपने खास अंदाज में कांग्रेस पर एक बार फिर जोरदार हमला भी बोला, और देश के सैनिकों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया।
बहरहाल, नरेंद्र मोदी के इस नारे से कैप्टन विक्रम बत्रा के परिजन खुश नहीं हैं। शहीद कैप्टन के पिता जीएल बत्रा ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी को उसका (कैप्टन विक्रम बत्रा का) नाम राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए..." उल्लेखनीय है कि देश के सर्वोच्च युद्ध सम्मान परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किए गए कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म पालमपुर में ही हुआ था, और वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान शहीद होने से पहले कैप्टन बत्रा ने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान एक विज्ञापन की इस पंक्ति 'ये दिल मांगे मोर' का इस्तेमाल किया था।
मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए कहा, "मुझे आप लोगों की शुभकामनाएं चाहिए... मैं आप लोगों की सेवा करना चाहता हूं... आपने उन्हें (कांग्रेस को) 60 साल दिए... क्या आप लोग मुझे 60 महीने नहीं दे सकते...? ये दिल मांगे मोर... मुझे 60 महीने दीजिए..."
हिमाचल में ही हुई एक अन्य रैली में भी नरेंद्र मोदी ने यही पंक्तियां इस्तेमाल कीं, और कहा, "विक्रम बत्रा ने देश के लिए जान दी... उसने कहा था, ये दिल मांगे मोर... मैं भी यही कहता हूं... मैं हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें चाहता हूं... मैं देशभर में 300 कमल देखना चाहता हूं..."
नरेंद्र मोदी ने यहां फिर एक बार कहा कि देश को शासक नहीं, सेवक चाहिए। उन्होंने अपने बीतों दिनों की यादें ताजा करते हुए कहा कि संकट के वक्त मैं हिमाचल से गुजरात गया था। गुजरात में भूकंप आया था और मैंने तीन साल के अंदर गुजरात को खड़ा किया। उन्होंने फिर गुजरात के टूरिज्म को बढ़ाने का दावा किया और कहा कि आतंकवाद बांटता है और टूरिज़्म जोड़ता है। उनका दावा है कि हिमाचल में कई योजनाएं अटकी हुई हैं।
उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र की यह सरकार (यूपीए सरकार) मां−बेटे की ऑक्सीजन पर चलती है। मोदी का कहना है कि देश की गाड़ी गहरी खाई में पड़ी है और ढीली-ढाली सरकार किस्मत नहीं बदलेगी। नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की कि शासकों को आपने 60 साल दिए हैं और अब सेवक को केवल 60 महीने दीजिए। मोदी ने कहा कि इस बार नेता नहीं, जनता चुनाव लड़ रही है, और 18 से 28 की आयु के नौजवान जोखिम नहीं ले सकते हैं।
उधर, शहीद कैप्टन की मां कमलकांता बत्रा पालमपुर से लगभग 65 किलोमीटर दूर हमीरपुर में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। पूर्व और वर्तमान फौजियों की सीट के रूप में मशहूर इस संसदीय क्षेत्र से मौजूदा सांसद भाजपा के अनुराग ठाकुर फिर मैदान में हैं, जबकि तीसरे दावेदार कांग्रेस के राजेंद्र सिंह राणा हैं।
कैप्टन बत्रा के परिवार ने नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए कहा, "अगर वह (नरेंद्र मोदी) शहीदों के प्रति इतना ही कृतज्ञ महसूस करते हैं, तो उन्हें श्रीमती बत्रा के खिलाफ अपनी पार्टी के प्रत्याशी का नाम वापस ले लेना चाहिए..."
इसके जवाब में भाजपा की मीनाक्षी लेखी ने कहा, "अनुराग ठाकुर के खिलाफ चुनाव लड़ने से पहले श्रीमती कमलकांता बत्रा को भाजपा में शामिल हो जाना चाहिए था..."
अपने प्रचार अभियान के दौरान अपने शहीद बेटे के नाम का इस्तेमाल करने को लेकर अनिच्छुक रहीं कमलकांता बत्रा ने इससे पहले एनडीटीवी से बातचीत में कहा था, "विक्रम बत्रा सिर्फ मेरा बेटा नहीं था, वह पूरे देश का था... उसे याद करना हमारा कर्तव्य है, और लोगों को हमारा समर्थन करना चाहिए..."
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