नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की नई सरकार में कौन-कौन मंत्री बनेगा इसे लेकर सरगर्मी तेज है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि आंतरिक सुरक्षा को गृह मंत्रालय से हटाकर प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन करने का प्रस्ताव है।
खुफिया एजेंसी आईबी और जांच एजेंसी एनआईए को प्रधानमंत्री कार्यालय के अधीन किया जाएगा। सूत्र यह भी बताते हैं कि आंतरिक सुरक्षा के लिए राज्यमंत्री होगा, जो सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रिपोर्ट करेगा।
अरुण शौरी को विभाजित गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। वहीं सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह विभाजित गृह मंत्रालय लेने को इच्छुक नहीं हैं, लिहाजा खबरें आ रही हैं कि राजनाथ को रक्षा मंत्रालय दिया जा सकता है।
खबर यह भी है कि सुषमा स्वराज को आला चार मंत्रालयों में जगह नहीं दी जाएगी और उनके स्पीकर बनाए जाने की भी संभावन कम है, वहीं अरुण जेटली वित्त या विदेश मंत्री बन सकते हैं। जेपी नड्डा बीजेपी के नए अध्यक्ष बन सकते हैं।
इसके अलावा कई मंत्रालयों का चेहरा बदलने की भी कवायद चल रही है। सूत्र बताते हैं कि अक्षय ऊर्जा और प्रवासी मंत्रालय खत्म किए जा सकते हैं। इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्रालय बनाने पर विचार हो रहा है, जिसमें भूतल परिवहन और शिपिंग मंत्रालय मिलाए जाएंगे। रेल मंत्रालय पहले की तरह अलग रहेगा।
इसके साथ ही पेट्रोलियम, कोयला और गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोत मंत्रालयों को मिलाकर ऊर्जा मंत्रालय बनाने पर विचार हो रहा है। ग्रामीण विकास मंत्रालय को पंचायती राज में मिलाने का प्रस्ताव है।
पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय को खत्म कर उन्हें निगम बनाने पर भी विचार हो रहा है। इसके अलावा भी कुछ अन्य मंत्रालयों को खत्म कर उन्हें निगम बनाने का प्रस्ताव है और इन निगमों की जिम्मेदारी टेक्नोक्रेट को देने पर विचार किया जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि ये विकसित देशों की सरकारों के मॉडल को देखकर तैयार की गई रिपोर्ट के आधार पर तय किया गया है। इस रिपोर्ट में कसी हुई सरकार बनाने के कई सुझाव दिए गए हैं, जिस पर चर्चा जारी है।
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