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This Article is From Mar 26, 2014

नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल के सवालों के दिए जवाब, कहा, सारे आरोप तथ्यों से परे

नई दिल्ली:

बनारस से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरने के अरविंद केजरीवाल के ऐलान के तुरंत बाद मोदी सरकार ने केजरीवाल के तमाम आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया है। केजरीवाल अपनी हर सभा में अब सिर्फ नरेंद्र मोदी पर ही निशाना साध रहे हैं। गुजरात यात्रा के दौरान भी केजरीवाल ने मोदी से 16 सवाल पूछे थे। इसी सिलसिले में वह मोदी से मिलना भी चाहते थे, लेकिन उन्हें समय नहीं मिला।

मंगलवार देर रात नरेंद्र मोदी के कार्यालय से 16 पन्नों का जवाब जारी किया गया। इसमें गुजरात सरकार ने अरविंद केजरीवाल के आरोपों का सिलसिलेवार जवाब दिया है। गुजरात सरकार ने कहा है कि केजरीवाल बेबुनियाद और तथ्यों से परे आरोप लगा रहे हैं।

गैस कीमतों पर गुजरात सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस मुद्दे पर बीजेपी की राय शुरू से साफ रही है। यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली स्टैंडिग कमेटी ने अप्रैल, 2014 से गैस कीमतें बढ़ाने के फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था। गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल ने गैस कीमतें बढ़ाने का विरोध किया था। बयान में कहा गया है कि दरअसल ऐसे आरोप लगाकर केजरीवाल अधिक दामों पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों से गैस आयात की वकालत कर रहे हैं, इसीलिए उन पर अमेरिका का एजेंट होने का आरोप लगाया जाता है। रिलायंस का सिर्फ 10 फीसदी हिस्सा है, जबकि सरकारी कंपनी ओएनजीसी का 80 फीसदी।

इस बयान में अरविंद केजरीवाल पर पलटवार भी किया गया है। केजरीवाल से पूछा गया है कि वह यह बताएं कि उनकी पार्टी ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकाप्टर घोटाले में एफआईआर की मांग क्यों नहीं की, जिसमें सोनिया गांधी सीधे तौर पर शामिल हैं। क्या ऐसा केजरीवाल की सोनिया और एनएसी से नजदीकी और गठबंधन के चलते नहीं किया गया?

गुजरात की कृषि वृद्धि दर पर लगाए गए केजरीवाल के आरोपों को भी गलत बताया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि योजना आयोग के मुताबिक नरेंद्र मोदी की अगुवाई में गुजरात में पिछले एक दशक में कृषि वृद्धि दर 11 फीसदी रही है। केजरीवाल ने झूठे आंकड़े बताकर गुमराह किया।

शिक्षा के क्षेत्र में तरक्की के मोदी के दावों को झूठा बताने के केजरीवाल के आरोपों का भी खंडन किया गया है। बयान के मुताबिक जब मोदी मुख्यमंत्री बने, तब ड्रॉप आउट रेट 20 फीसदी था, अब यह घटकर दो फीसदी रह गया है।

केजरीवाल यह आरोप लगाते रहे हैं कि नरेंद्र मोदी सरकार ने अडानी उद्योग समूह को फायदा पहुंचाया। इस पर बयान में कहा गया है कि मोदी की अगुवाई में गुजरात में सभी उद्योग-धंधे फले-फूले हैं। सिर्फ अडानी ही नहीं, सभी उद्योगों को फायदा मिला। अडानी का सिर्फ गुजरात ही नहीं, अन्य राज्यों में भी निवेश है। अडानी समूह का गुजरात में कुल निवेश का सिर्फ 35 फीसदी है। जहां तक भूमि अधिग्रहण नीति का सवाल है, गुजरात की भूमि अधिग्रहण नीति की सुप्रीम कोर्ट ने भी तारीफ की है।

केजरीवाल आरोप लगाते रहे हैं कि गुजरात में 800 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्याएं की हैं। इस पर बयान में कहा गया है कि यह दिलचस्प है कि केजरीवाल राहुल गांधी की ही तरह यह मामला उठा रहे हैं। बयान के मुताबिक गुजरात में किसानों की आत्महत्या के मामले नहीं हैं। महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश दो कांग्रेस शासित राज्यों में सबसे ज्यादा किसानों ने आत्महत्याएं की हैं।

केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा गया है कि बेहतर होगा कि केजरीवाल यह बताएं कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने क्या किया? बलात्कार बढ़ते रहे और नस्लभेद के आधार पर अपराध होते रहे, यहां तक कि उनके मंत्री भी नस्लभेद में शामिल रहे। 'आप' की सरकार के दौरान सिर्फ 23 दिनों में ठंड की वजह से 174 लोगों की मौत हो गई। यहां तक कि ठंड से मरने वाले लोगों के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी दखल देना पड़ा।

केजरीवाल, मोदी पर यह भी आरोप लगाते हैं कि उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समझौता किया है। खासतौर से मोदी सरकार के दो मंत्रियों - पुरुषोत्तम सोलंकी और बाबूभाई बोखारिया के मामलों का जिक्र किया जाता है। इस पर मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सोलंकी के खिलाफ कोई चार्जशीट नहीं है, जबकि बाबूभाई बोखरिया के खिलाफ सज़ा पर ऊंची अदालत से रोक लगा दी गई है।

कच्छ के सिख किसानों के मुद्दे पर गुजरात सरकार का कहना है कि पंजाब और हरियाणा से आए 454 सिख परिवारों के पास अब भी जमीन है, जबकि केजरीवाल गैरकानूनी ढंग से खेती की जमीन खरीदने वाले रियल एस्टेट माफिया की मदद कर रहे हैं। गांधीधाम, भुज और मूंदड़ा के आसपास फर्जी किसान बनकर इस माफिया ने खेती की जमीन खऱीदी है। 15 से 20 हजार करोड़ रुपये के इस गोरखधंधे में फर्जी किसानों का साथ देकर केजरीवाल भी शामिल हैं।

बिजली, बेरोजगारी, नर्मदा का पानी किसानों की बजाय कारखानों को दिए जाने, सौर ऊर्जा की दरों, स्वास्थ्य के आंकड़ों, गुजरात के छोटे और मंझोले उद्योगों जैसे मुद्दों पर लगाए गए केजरीवाल के आरोपों का भी इस बयान में सिलसिलेवार ढंग से जवाब दिया गया है।

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