वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए आज कहा कि मोदी का पूंजीवाद 'साठगांठ वाला पूंजीवाद है।' चिदंबरम ने भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा द्वारा अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में उठाए गए सवालों को भी ‘बचकाने’ बताते हुए दरकिनार कर दिया।
कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चिदंबरम ने कहा, 'प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिहं और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के वित्त मंत्रियों के साथ कारोबारी जगत को बहुत आसानी है, लेकिन कुछ उद्योगपतियों का एक समूह ऐसा भी हैं जिन्हें नरेंद्र मोदी का साथ भाता है, क्योंकि मोदी ब्रांड पूंजीवाद ‘क्रोनी कैपिटलीज्म’ (साठगांठ वाला पूंजीवाद) है।'
चिदंबरम ने कहा कि अर्थव्यवस्था आज काफी बेहतर स्थिति में है, विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से बढ़ रहा है और राजकोषीय तथा चालू खाते का घाटा नियंत्रण में है।
चिदंबरम ने कहा, 'अर्थव्यवस्था की स्थिति 20 महीने पहले की मुकाबले आज कहीं अधिक मजबूत और कहीं ज्यादा स्थिर है, हम जो सोच रहे थे कि यह हो सकता है वैसा कुछ नहीं हुआ। आने वाले समय में मुझे अर्थव्यवस्था में केवल तीव्र वृद्धि दिखाई देती है, बशर्ते कि अगली सरकार उन 10 बिंदुओं का अनुसरण करे जिनका उल्लेख मैंने अपने अंतरिम बजट में किया है।'
चिदंबरम ने कहा कि अगला वित्तमंत्री मोदी नहीं चुनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'आखिरी दिन तक मेरा हाथ पूरी मजबूती के साथ लगाम पर होगा, और मैं कमान को मजबूत हाथों में ही सौंपूंगा।'
उन्होंने कहा कि सरकार राजकोषीय घाटा और चालू खाते का घाटा दोनों पर ही नियंत्रण रखने में सफल रही है। उन्होंने कहा, 'हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 300 अरब डॉलर के पार पहुंच चुका है। आज वित्त वर्ष की समाप्ति तक हमें इसमें 25 अरब डॉलर जुड़ने की उम्मीद है। जहां तक चालू खाते के घाटे की बात है, शुरू में इसके 60 अरब रहने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन अब इसके काफी कम रहने का अनुमान है। शायद यह 35 अरब डॉलर पर रहे .. अब कोई भी (क्रेडिट एजेंसी) भारत की वित्तीय साख का स्तर घटाने की बात नहीं कर रहा है। अब अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्व काफी मजबूत हैं।'
भाजपा नेता यशवंत सिन्हा द्वारा उठाए गए 18 सवालों पर चिदंबरम ने कहा, 'इनमें से कई सवाल बिल्कुल बचकाने हैं ... सिन्हा आज भारत के लोगों के जेहन से दूर हो चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि वह वहीं रहेंगे जहां हैं -- यानी जेहन से दूर।' सिन्हा ने चिदंबरम पर अर्थव्यवस्था को 'बर्बाद करने' का आरोप लगाते हुए उनसे गिरती आर्थिक वृद्धि, बढ़ती मुद्रास्फीति और रोजगार सृजन के मोर्चे पर कमजोर प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर जवाब मांगे हैं।
मुद्रास्फीति के मामले में चिदंबरम ने कहा, 'हमने मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया है। मैं यह नहीं कर रहा हूं कि हमने इसे काफी बेहतर स्थिति में ला दिया है, बल्कि हम इसे कम करने में सफल रहे हैं।' थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में नौ महीने के निम्न स्तर 4.68 प्रतिशत पर आ गई जबकि खुदरा मुद्रास्फीति 25 महीने के निम्न स्तर 8.1 प्रतिशत पर आ गई।
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