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सुप्रीम कोर्ट ने DMRC को दी कॉरिडोर के लिए पेड़ों की कटाई की इजाजत, माननी होंगी CEC की शर्तें

DMRC की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को भरोसा दिया कि DMRC CEC  द्वारा लगाई गई शर्तों का सख्ती से पालन करेगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने DMRC को दी कॉरिडोर के लिए पेड़ों की कटाई की इजाजत, माननी होंगी CEC की शर्तें
सुप्रीम कोर्ट से DMRC को शर्तों के साथ पेड़ों की कटाई की इजाजत.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो को इंद्रलोक कॉरिडोर और लाजपत नगर साकेत कॉरिडोर के लिए शर्तों के साथ पेड़ों की कटाई की इजाजत दे दी है. अदालत ने DMRC की फेज 4 के लिए दाखिल अर्जी को मंजूर कर लिया है. अदालत ने ये इजाजत  CEC (सेंटर एम्पावरमेंट कमेटी) की रिपोर्ट के आधार पर दी है. बता दें कि CEC ने अपनी रिपोर्ट में कड़ी शर्तों के साथ मंजूरी देने का सुझाव दिया था. DMRC की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को भरोसा दिया कि DMRC CEC  द्वारा लगाई गई शर्तों का सख्ती से पालन करेगा. 

लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक के बीच बनेगा मेट्रो कॉरिडोर

बता दें कि लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक के बीच एलिवेटेड कॉरिडोर बनने जा रहा है. इस कॉरिडोर को बनने में करीब तीन साल का समय लगेगा. केंद्र सरकार ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले फेज-4 के दो मेट्रो कॉरिडोर की परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. इसमे 12.37 किमी. लंबी इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ मेट्रो कॉरिडोर और 8.38 किमी. लंबी लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक मेट्रो कॉरिडोर की परियोजना शामिल थी. बता दें कि इंद्रलोक कॉरिडोर का ज्यादातर हिस्सा जमीन के अंदर होगा और ये कॉरिडोर पूरी तरह एलिवेटेड होगा.

अदालत ने DMRC को दी पेड़ों कटाई की इजाजत

 बता दें कि लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर बनाने के लिए अदालत से पेड़ों की कटाई की अनुमति लेना जरूरी था. दरअसल कॉरिडोर बनाने के लिए जमीन की जरूरत होगी, जिनमें पेड़ भी शामिल हैं. अदालत ने अब शर्तों के साथ पेड़ों की कटाई की परमिशन दे दी है. इस बीच DMRC ने भी अदालत को भरोसा दिया है कि वह CEC  द्वारा लगाई गई शर्तों का सख्ती के साथ पालन करेंगे.
 

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