प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली में अब अगर बिजली कंपनी ने बिजली काटी या किसी भी कारण से बिजली गयी तो बिजली कंपनी को ग्राहक को हर्जाना देना पड़ेगा। दिल्ली सरकार के आदेश के बाद बिजली नियामक संस्था DERC हरकत में आई और इस बारे में उसने नोटिफिकेशन जारी किया।
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक़....
1. बिना बताये किसी इलाके (कम से कम 100 घर) की बिजली अगर गयी और दो घंटे में गड़बड़ी ठीक नहीं हुई तो 50 रु प्रति घंटे के हिसाब से पहले दो घंटे के लिये और उसके बाद 100 रु प्रति घंटे के हिसाब से बिजली कंपनी ग्राहक को हर्जाना देंगी।
2. अगर किसी इलाके (कम से कम 100 घर) के सब स्टेशन या ट्रांसफॉर्मर में आई खराबी को अगर दो घंटे में ठीक न किया तो भी ग्राहक को हर्जाना देंगी बिजली कंपनियां
3. अगर किसी ग्राहक के घर का फ्यूज उड़ा या सर्विस लाइन टूटी और 3 घंटे में ठीक न हुई तो 100 रुपये प्रति घंटे का हर्जाना बिजली कंपनी ग्राहक को देंगी
आपको बता दें दिल्ली सरकार ने ये ऐलान पिछले साल किया था लेकिन इसको लागू नहीं करवा पाई थी क्योंकि उस समय DERC के चेयरमैन पी डी सुधाकर पिछली सरकार की तरफ से नियुक्त थे और मौजूदा सरकार के साथ उनके रिश्ते अच्छे नहीं थे लेकिन अब नए अध्यक्ष आये हैं जो मौजूदा केजरीवाल सरकार की तरफ से नियुक्त हुए हैं।
यह होगा हर्जाना अदा करने का प्रोसेस...
कंपनी को बिल में अजस्ट करके हर्जाना देना होगा। 90 दिनों के अंदर कंपनी को यह जुर्माना देना होगा। कंप्लेंट करने के समय से लेकर बिजली रीस्टोर करने तक का समय काउंट होगा। अगर हर्जाना नहीं दिया तो बिजली के लोकपाल के पास शिकायत की जा सकेगी। ग्राहक का दावा सही पाया गया तो 5000 रुपये या असल हर्जाने का 5 गुना तक हर्जाना देना होगा। अगर फिर भी बिजली कंपनी न माने तो DERC में शिकायत की जा सकेगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तो 2 घंटे में ठीक करने का वक़्त दिया है, 6 महीने बाद अगर एक घंटे में बिजली न लौटी तो बिजली कंपनियां ग्राहक को हर्जाना देंगी। बात हर्जाना या जुर्माने की नहीं, बिजली कंपनियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
इस नोटिफिकेशन के मुताबिक़....
1. बिना बताये किसी इलाके (कम से कम 100 घर) की बिजली अगर गयी और दो घंटे में गड़बड़ी ठीक नहीं हुई तो 50 रु प्रति घंटे के हिसाब से पहले दो घंटे के लिये और उसके बाद 100 रु प्रति घंटे के हिसाब से बिजली कंपनी ग्राहक को हर्जाना देंगी।
2. अगर किसी इलाके (कम से कम 100 घर) के सब स्टेशन या ट्रांसफॉर्मर में आई खराबी को अगर दो घंटे में ठीक न किया तो भी ग्राहक को हर्जाना देंगी बिजली कंपनियां
3. अगर किसी ग्राहक के घर का फ्यूज उड़ा या सर्विस लाइन टूटी और 3 घंटे में ठीक न हुई तो 100 रुपये प्रति घंटे का हर्जाना बिजली कंपनी ग्राहक को देंगी
आपको बता दें दिल्ली सरकार ने ये ऐलान पिछले साल किया था लेकिन इसको लागू नहीं करवा पाई थी क्योंकि उस समय DERC के चेयरमैन पी डी सुधाकर पिछली सरकार की तरफ से नियुक्त थे और मौजूदा सरकार के साथ उनके रिश्ते अच्छे नहीं थे लेकिन अब नए अध्यक्ष आये हैं जो मौजूदा केजरीवाल सरकार की तरफ से नियुक्त हुए हैं।
यह होगा हर्जाना अदा करने का प्रोसेस...
कंपनी को बिल में अजस्ट करके हर्जाना देना होगा। 90 दिनों के अंदर कंपनी को यह जुर्माना देना होगा। कंप्लेंट करने के समय से लेकर बिजली रीस्टोर करने तक का समय काउंट होगा। अगर हर्जाना नहीं दिया तो बिजली के लोकपाल के पास शिकायत की जा सकेगी। ग्राहक का दावा सही पाया गया तो 5000 रुपये या असल हर्जाने का 5 गुना तक हर्जाना देना होगा। अगर फिर भी बिजली कंपनी न माने तो DERC में शिकायत की जा सकेगी।
सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी तो 2 घंटे में ठीक करने का वक़्त दिया है, 6 महीने बाद अगर एक घंटे में बिजली न लौटी तो बिजली कंपनियां ग्राहक को हर्जाना देंगी। बात हर्जाना या जुर्माने की नहीं, बिजली कंपनियों की जवाबदेही तय होनी चाहिए।
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