बाबा वीरेंद्र देव पर कसता शिकंजा : नवादा के आश्रम में रेड, 21 लड़कियों को निकाला गया (प्रतीकात्मक फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली महिला आयोग की टीम दिल्ली पुलिस की टीम के साथ यौन शोषण के आरोपों में घिरे स्वयं भू बाबा वीरेन्द्र देव के उत्तम नगर स्थित आध्यात्म विश्वविद्यालय पर छापा मारा है. उत्तम नगर के आश्रम से 5 नाबालिग लड़कियों को दिल्ली महिला आयोग सीडब्ल्यूसी और दिल्ली पुलिस की टीम ने रेस्क्यू करवाया. एक कार में सारी लड़कियों को सुरक्षित जगह ले जाया गया.इससे पहले दिल्ली पुलिस और दिल्ली महिला आयोग की टीम ने रात में रेप के आरोपी वीरेंद्र देव के दिल्ली के नवादा के आश्रम में छापेमारी की है. इस आश्रम से 21 लड़कियों को निकाला गया. इन सभी लड़कियों का मेडिकल और कॉउंसलिंग करायी जाएगी. हालांकि लड़कियों का कहना है कि वे अपनी मर्ज़ी से रह रही थीं. इसी बीच बता दें कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई को आदेश दिया कि वह उत्तरी दिल्ली स्थित उस आश्रम के संस्थापक तथा प्रमुख का पता लगाए जहां महिलाओं और लड़कियों को कथित तौर पर ‘पिंजरों में जानवरों’ की तरह रखा गया.
रेप के आरोपी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में पुलिस रेड, महिलाओं के साथ होता था बुरा बर्ताव
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने आदेश दिया कि उत्तरी दिल्ली के रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित चार जनवरी को अदालत के समक्ष पेश हों. मामले में अगली सुनवाई चार जनवरी को होगी. पीठ ने आश्रम में रह रही एक महिला को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सवाल किया कि अदालत द्वारा नियुक्त समिति पर हमला के लिए उसके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना कार्रवाई शुरू की जाए. अदालत गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘फाउंडेशन फॉर सोशल इम्पावरमेंट’ की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अदालत को बताया गया था कि कई नाबालिगों और महिलाओं को यहां आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में बंधक बनाकर रखा गया है और उन्हें अपने माता पिता से भी मिलने की अनुमति नहीं है.
अदालत ने आश्रम में बच्चियों और महिलाओं को कथित रूप से बंधक बनाकर रखे जाने के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. पीठ ने ‘‘मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता’’ को देखते हुए सीबीआई निदेशक से कहा था कि वह तुरंत विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे जो मामले संबंधी सभी रिकॉर्ड और दस्तावेज का प्रभार संभाले.
VIDEO- दिल्ली का 'राम रहीम', हाईकोर्ट ने आश्रमों की लिस्ट मांगी
अदालत ने आश्रम की आध्यात्मिकता पर भी सवाल खड़ा किया और कहा, ‘यह पहला मौका है जब हम ऐसा आश्रम देख रहे हैं जहां नाबालिग लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है.’ अदालत ने कहा, ‘आप हमसे उम्मीद करते हैं कि अपनी आंखें बंद रखें और इसे सामान्य बात माने? यह किस प्रकार की आध्यात्मिकता है जब लोगों को पिंजरों में जानवरों की तरह कैद रखा जाता है?’
इनपुट : भाषा
रेप के आरोपी बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के आश्रम में पुलिस रेड, महिलाओं के साथ होता था बुरा बर्ताव
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने आदेश दिया कि उत्तरी दिल्ली के रोहिणी स्थित आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित चार जनवरी को अदालत के समक्ष पेश हों. मामले में अगली सुनवाई चार जनवरी को होगी. पीठ ने आश्रम में रह रही एक महिला को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सवाल किया कि अदालत द्वारा नियुक्त समिति पर हमला के लिए उसके खिलाफ क्यों नहीं अवमानना कार्रवाई शुरू की जाए. अदालत गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘फाउंडेशन फॉर सोशल इम्पावरमेंट’ की एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अदालत को बताया गया था कि कई नाबालिगों और महिलाओं को यहां आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में बंधक बनाकर रखा गया है और उन्हें अपने माता पिता से भी मिलने की अनुमति नहीं है.
अदालत ने आश्रम में बच्चियों और महिलाओं को कथित रूप से बंधक बनाकर रखे जाने के मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है. पीठ ने ‘‘मामले की गंभीरता और संवेदनशीलता’’ को देखते हुए सीबीआई निदेशक से कहा था कि वह तुरंत विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे जो मामले संबंधी सभी रिकॉर्ड और दस्तावेज का प्रभार संभाले.
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अदालत ने आश्रम की आध्यात्मिकता पर भी सवाल खड़ा किया और कहा, ‘यह पहला मौका है जब हम ऐसा आश्रम देख रहे हैं जहां नाबालिग लड़कियों को बंधक बनाकर रखा गया है.’ अदालत ने कहा, ‘आप हमसे उम्मीद करते हैं कि अपनी आंखें बंद रखें और इसे सामान्य बात माने? यह किस प्रकार की आध्यात्मिकता है जब लोगों को पिंजरों में जानवरों की तरह कैद रखा जाता है?’
इनपुट : भाषा
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