दिल्ली सरकार ने 50 या उससे अधिक बिस्तरों वाले सभी निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम को निर्देश दिया है कि वे अपनी कुल क्षमता के 20 प्रतिशत बिस्तर कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए सुरक्षित रखें. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली सरकार को कोविड-19 मरीजों के लिए सुरक्षित बिस्तरों की संख्या बढ़ाना महत्वपूर्ण लगा.'' मंत्री ने कहा, ‘‘इसलिए, 50 या उससे अधिक बिस्तरों वाले सभी 117 निजी अस्पतालों/नर्सिंग होम को अपने कुल बिस्तरों में से 20 प्रतिशत को कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित रखना होगा.''
दिल्ली सरकार ने राजधानी में कोरोना के बढ़ते मामले और कोरोना के इलाज में लगे मौजूदा प्राइवेट अस्पतालों में बेड्स की किल्लत के मद्देनजर आदेश जारी किया है. ऐसे में दिल्ली के सभी 117 नर्सिंग होम और प्राइवेट अस्पताल, जहां 50 बेड या 50 बेड से ज्यादा की क्षमता है वो 20 फीसदी बेड कोरोना के लिए रिज़र्व करेंगे. दिल्ली सरकार का यह फैसला बहुत बड़ा माना जा रहा है क्योंकि अभी तक दिल्ली में कुल 10 प्राइवेट अस्पतालों को ही कोरोना के इलाज की ज़िम्मेदारी दी गई थी.
दिल्ली में अभी तक कोरोना के इलाज में लगे सभी अस्पतालों की सूची कुछ इस तरह है:
(सरकारी)
1. लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (2000 बेड)
2. राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (500 बेड)
(प्राइवेट)
3. सर गंगा राम कोलमेट हॉस्पिटल (42 बेड)
4. इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल (50 बेड)
5. मैक्स हॉस्पिटल, साकेत (108 बेड)
6. महा दुर्गा चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल (100 बेड)
7. सर गंगाराम सिटी हॉस्पिटल (120 बेड)
8. फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग (50 बेड)
9. सरोज मेडिकल इंस्टीट्यूट, रोहिणी (50 बेड)
10. खुशी हॉस्पिटल, द्वारका (50 बेड)
11. बत्रा हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, तुगलकाबाद इंस्टीट्यूशनल एरिया (50 बेड)
12. Cygnus orthocare हॉस्पिटल, सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया (40 बेड)
इनके अलावा केंद्र सरकार के 4 अस्पताल भी कोरोना के मरीजों का इलाज करते हैं
1. एम्स
2. सफ़दरजंग अस्पताल
3. राम मनोहर लोहिया अस्पताल
4. लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज
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