बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदू, बुद्ध, ईसाई समेत अन्य अल्पसंख्यकों के साथ लगातार हिंसा की वारदातें सामने आ रही हैं. हिंसा के खिलाफ नई दिल्ली में नारी शक्ति फोरम ने शुक्रवार को मंडी हाउस से जंतर-मंतर तक मौन विरोध प्रदर्शन किया इस मार्च में बड़ी संख्या में प्रोफेसर, डॉक्टर, अध्यापिकाएं, महिला अधिवक्ता, बैंककर्मी, इंजीनियर, नर्स, गृहणी, उद्योगकर्मी, रिटायर्ड आईपीएस, आईएफएस और आईएएस महिला अधिकारी शामिल थीं.
मार्च में शामिल होने वालों ने अपने मुंह पर काली पट्टी बांध रखी थी. नारी शक्ति फोरम की संयोजिका मोनिका अरोड़ा, पदमश्री से सम्मानित कथक नृत्यांगना उमा शर्मा, बांग्लादेश में भारत की राजदूत रहीं सीमा सीकरी तथा जेएनयू प्रोफेसर ज्योति राज और अन्य कई महिलाओं ने मंडी हाउस और जंतर मंतर पर इस प्रदर्शन को संबोधित भी किया.
जंतर-मंतर पर मार्च को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा बांग्लादेश में हिंदुओं की संपत्तियों को छिना जा रहा है, लूटा जा रहा है और बच्चियों का अपहरण किया जा रहा है. हमलों के बीच लाखों हिंदू परिवार दिन-रात खौफ में जी रहे हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि भारत की जनता बांग्लादेश में प्रताड़ना झेल रहे हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से मांग है कि वह तुरंत सख्ती से ऐसी घटनाओं पर रोक लगाये और पीड़ितों की जान-माल की रक्षा सुनिश्चित करे.
मार्च के बाद इस संबध में नारी शक्ति फोरम ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक ज्ञापन भी सौंपा. राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया कि बांग्लादेश में हिंदू और दूसरे अल्पसंख्यक समाज के अस्तित्व पर संकट आ गया है. हमें भरोसा है कि आप इस गंभीर मानवीय संकट को दूर करने के लिए तेजी से कार्रवाई करेंगी.
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