मिरांडा हाउस कॉलेज को दिल्ली महिला आयोग ने भेजा है नोटिस
नई दिल्ली:
दिल्ली महिला आयोग ने मिरांडा हाउस कॉलेज की प्रिंसिपल को उस सर्कुलर के संबंध में नोटिस जारी किया है जिसमें कॉलेज के गलियारों में सेल्फी लेने और बाल बनाने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई थी. कुछ छात्राओं ने दिल्ली महिला आयोग से संपर्क कर इस नोटिस के खिलाफ शिकायत की थी.
आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘कुछ छात्राओं से हमें एक ज्ञापन मिला था, जिसमें कहा गया था कि कॉलेज की तरफ से भेदभाव वाले तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं और एक ऐसा सर्कुलर जारी किया गया है. हमने कॉलेज से छात्राओं की शिकायत पर सात दिन के अंदर बिंदुवार जवाब मांगा है.’ कॉलेज में रविवार को क्लास अटेंड करने वाली स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की छात्राओं को निर्देशित नोटिस में कहा गया था कि सेल्फी लेने, बाल बनाने और गलियारों में मॉडलिंग को वक्त के ‘बेजा इस्तेमाल’ के तौर पर देखा जाएगा और ऐसा करने वाली छात्राओं को एक दिन के लिए निलंबित भी किया जा सकता है.
पिछले हफ्ते इस सर्कुलर को वापस लेने की मांग को लेकर छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया था. कॉलेज की प्रिसिंपल प्रतिभा जॉली ने पहले दावा किया था कि इस सर्कुलर का उद्देश्य छात्राओं की ‘सुरक्षा’ सुनिश्चित करना था. उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि ये नोटिस सिर्फ ‘सुझाव’ भर था और ‘बाध्यकारी’ नहीं. इसके बावजूद स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग छात्रों के संगठन क्रांतिकारी युवा संगठन ने दिल्ली महिला आयोग के दरवाजे पर दस्तक देने का फैसला किया था.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
आयोग के एक अधिकारी ने कहा, ‘कुछ छात्राओं से हमें एक ज्ञापन मिला था, जिसमें कहा गया था कि कॉलेज की तरफ से भेदभाव वाले तौर तरीके अपनाए जा रहे हैं और एक ऐसा सर्कुलर जारी किया गया है. हमने कॉलेज से छात्राओं की शिकायत पर सात दिन के अंदर बिंदुवार जवाब मांगा है.’ कॉलेज में रविवार को क्लास अटेंड करने वाली स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग की छात्राओं को निर्देशित नोटिस में कहा गया था कि सेल्फी लेने, बाल बनाने और गलियारों में मॉडलिंग को वक्त के ‘बेजा इस्तेमाल’ के तौर पर देखा जाएगा और ऐसा करने वाली छात्राओं को एक दिन के लिए निलंबित भी किया जा सकता है.
पिछले हफ्ते इस सर्कुलर को वापस लेने की मांग को लेकर छात्राओं ने प्रदर्शन भी किया था. कॉलेज की प्रिसिंपल प्रतिभा जॉली ने पहले दावा किया था कि इस सर्कुलर का उद्देश्य छात्राओं की ‘सुरक्षा’ सुनिश्चित करना था. उन्होंने बाद में स्पष्ट किया कि ये नोटिस सिर्फ ‘सुझाव’ भर था और ‘बाध्यकारी’ नहीं. इसके बावजूद स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग छात्रों के संगठन क्रांतिकारी युवा संगठन ने दिल्ली महिला आयोग के दरवाजे पर दस्तक देने का फैसला किया था.
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