
एमसीडी चुनावों में बीजेपी को मुस्लिम महिलाओं का साथ मिलने की उम्मीद है (प्रतीकात्मक चित्र)
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन तलाक के मुद्दे को लेकर मुस्लिम महिलाओं का समर्थन मिलने का दावा कर चुकी बीजेपी को अब उम्मीद है कि दिल्ली नगर निगम के चुनाव में भी इसी मुद्दे पर उसे मुस्लिम समाज की महिलाओं का साथ मिलेगा.
बीजेपी की दिल्ली इकाई का यह भी कहना है कि वह तीन तलाक के मुद्दे का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए नहीं करेगी, हालांकि उसे लगता है कि इस मामले पर पार्टी के रूख से मुस्लिम महिलाओं का रुझान उसकी ओर स्वाभाविक रूप से होगा. दिल्ली बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष आतिफ रशीद ने कहा कि बीजेपी ने तीन तलाक के मुद्दे को चुनावी फायदे के मकसद से नहीं उठाया है. पार्टी ने पहले ही साफ किया है कि यह महिलाओं के अधिकार से जुड़ा मुद्दा है और वह इसी रूख पर कायम है.
उन्होंने कहा कि जब आप किसी मुद्दे पर काम करते हैं तो उसका इनाम भी मिलता है. ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली में भी मुस्लिम महिलाओं का समर्थन पार्टी को मिलेगा. महिलाओं को यह महसूस हो रहा है कि बीजेपी इकलौती ऐसी पार्टी है जो उनके हक की बात कर रही है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया.
तीन तलाक के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रशीद ने कहा कि कांग्रेस और केजरीवाल तीन तलाक के मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. वोटबैंक की खातिर वे महिला अधिकार के मुद्दे पर मुंह खोलने से कन्नी काट रहे हैं. ये लोग सर्जिकल स्ट्राइल पर सवाल खड़े कर देते हैं, लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर नहीं बोलते. बीजेपी की ओर से एमसीडी चुनाव में सात मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जाने के संदर्भ में आतिफ रशीद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है. इसी मूलमंत्र को लेकर पार्टी आगे बढ़ रही है.
रशीद ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने ओखला, मुस्तफाबाद और दूसरी मुस्लिम बहुल बस्तियों की पूरी तरह अनदेखी की है. इन इलाकों में सीवर लाइन नहीं बिछाई गई और सड़कों की हालत भी खस्ता है. यही नहीं वक्फ बोर्ड में आप के रहते कुप्रबंधन हुआ और इसी वजह से उप राज्यपाल को बोर्ड भंग करने का कदम उठाना पड़ा.
दिल्ली में 23 अप्रैल को तीनों नगर निगमों के लिए वोट डाले जाएंगे और 26 अप्रैल को मतगणना होगी.
(इनपुट भाषा से)
बीजेपी की दिल्ली इकाई का यह भी कहना है कि वह तीन तलाक के मुद्दे का इस्तेमाल चुनावी फायदे के लिए नहीं करेगी, हालांकि उसे लगता है कि इस मामले पर पार्टी के रूख से मुस्लिम महिलाओं का रुझान उसकी ओर स्वाभाविक रूप से होगा. दिल्ली बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष आतिफ रशीद ने कहा कि बीजेपी ने तीन तलाक के मुद्दे को चुनावी फायदे के मकसद से नहीं उठाया है. पार्टी ने पहले ही साफ किया है कि यह महिलाओं के अधिकार से जुड़ा मुद्दा है और वह इसी रूख पर कायम है.
उन्होंने कहा कि जब आप किसी मुद्दे पर काम करते हैं तो उसका इनाम भी मिलता है. ऐसे में यह उम्मीद की जा सकती है कि उत्तर प्रदेश की तरह दिल्ली में भी मुस्लिम महिलाओं का समर्थन पार्टी को मिलेगा. महिलाओं को यह महसूस हो रहा है कि बीजेपी इकलौती ऐसी पार्टी है जो उनके हक की बात कर रही है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को अपना समर्थन दिया.
तीन तलाक के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए रशीद ने कहा कि कांग्रेस और केजरीवाल तीन तलाक के मुद्दे पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. वोटबैंक की खातिर वे महिला अधिकार के मुद्दे पर मुंह खोलने से कन्नी काट रहे हैं. ये लोग सर्जिकल स्ट्राइल पर सवाल खड़े कर देते हैं, लेकिन इस संवेदनशील मुद्दे पर नहीं बोलते. बीजेपी की ओर से एमसीडी चुनाव में सात मुस्लिम उम्मीदवार उतारे जाने के संदर्भ में आतिफ रशीद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है. इसी मूलमंत्र को लेकर पार्टी आगे बढ़ रही है.
रशीद ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने ओखला, मुस्तफाबाद और दूसरी मुस्लिम बहुल बस्तियों की पूरी तरह अनदेखी की है. इन इलाकों में सीवर लाइन नहीं बिछाई गई और सड़कों की हालत भी खस्ता है. यही नहीं वक्फ बोर्ड में आप के रहते कुप्रबंधन हुआ और इसी वजह से उप राज्यपाल को बोर्ड भंग करने का कदम उठाना पड़ा.
दिल्ली में 23 अप्रैल को तीनों नगर निगमों के लिए वोट डाले जाएंगे और 26 अप्रैल को मतगणना होगी.
(इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं