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This Article is From Aug 29, 2016

बिजली कंपनियों से जुड़े दिल्ली के सीएम और डिप्टी सीएम के बयान को एलजी ने बताया झूठा और भ्रामक

बिजली कंपनियों से जुड़े दिल्ली के सीएम और डिप्टी सीएम के बयान को एलजी ने बताया झूठा और भ्रामक
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग पर हमला करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को फिर निशाने पर लिया है. केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि एलजी ने दिल्ली सरकार द्वारा बिना बताए ज्यादा देर के लिए बिजली की कटौती करने पर बिजली कंपनी पर जुर्माना लगाने के फैसले को पलट दिया है.

आम आदमी पार्टी, पार्टी के नेता और खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा ऐसे ट्वीट कर लोगों को बताया गया है कि उपराज्यपाल नजीब जंग ने दिल्ली सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया है जिसमें बिजली कंपनियों की मनमानी पर रोक के लिए कदम उठाए गए थे. दिल्ली सरकार के वरिष्ठ मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा कि ऐसा करके एलजी और केंद्र सरकार दिल्ली के लोगों के अधिकारों पर हमला कर रहे हैं.

दरअसल जून महीने में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक आदेश जारी कर दिल्ली की बिजली कंपनियों को आदेश दिया था कि अगर बिना बताए बिजली गई तो उनको ग्राहक को मुआवजा देना होगा लेकिन अगस्त की शुरुआत में दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश से साफ़ हुआ कि बिना एलजी के दस्तखत ऐसे आदेश की कोई कानूनी वैद्यता नहीं इसलिये एलजी ने ऐसे सभी आदेशों की फाइलें अपने पास मंगवाई थी, जिसके बाद में रविवार को दिल्ली के नजफ़गढ़ में केजरीवाल ने दावा किया कि एलजी ने उनके इस आदेश को रद्द कर दिया है।

उधर, इस खबर के अखबारों में छपने के बाद एलजी नजीब जंग के दफ्तर से सफाई आई है. प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली सरकार लोगों के बीच में झूठी खबर फैला रही है. विज्ञप्ति में साफ कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि एलजी ने करीब 15 दिन पहले डिस्कॉम पर अनधिकृत बिजली कटौती पर पेनस्टी के आदेश की फाइल को मंगवाया था और आदेश को रद्द कर दिया है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री का यह बयान झूठा और गुमराह करने वाला है.

एजी दफ्तर ने बताया कि इस दफ्तर (एलजी) ने कभी भी किसी खास फाइल को नहीं मंगाया. दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट के 4 अगस्त के आदेश के बाद कई फाइलें भेजी थीं. एलजी दफ्तर को भेजी गई कई फाइलें संविधान के अनुरूप तैयार नहीं थीं.

एलजी दफ्तर ने हाई कोर्ट आदेश को उल्लिखित करते हुए कहा, हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था, 'दिल्ली सरकार के बिजली विभाग के प्रोसीडिंग  संख्या .F.11(58)/2010/Power/1856 तारीख 12.06.2015 के तहत डीईआरसी को निर्देश दिए गए जिसमें बिजली कटौती पर उपभोक्ताओं को कंपनियों को जुर्माना लगाए जाने का आदेश था, पूरी तरह अवैध और असंवैधानिक है. कोर्ट ने कहा था कि बिना एलजी की राय लिए दिल्ली सरकार ऐसा आदेश नहीं दे सकती है. एलजी दफ्तर ने कहा कि उपराज्यपाल ने इस संबंध में कोई नया आदेश जारी नहीं  किया है.

एलजी दफ्तर ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि गलत तथ्यों के साथ लोगों के बीच गुमराह करने वाले बयान दिए जा रहे हैं.

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