जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार
नई दिल्ली:
एम्स से छुट्टी मिलने के बाद जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने शुक्रवार को नौ दिन बाद अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी। हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह कहते हुए छात्रों को बाहरी लोगों को आमंत्रित नहीं करने के लिए कहा है कि इससे परिसर में शैक्षणिक माहौल और शांति की स्थिति बिगड़ सकती है।
परिसर में नौ फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में विश्वविद्यालय की तरफ से सुनाए गए दंड के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में से पांच ने गुरुवार को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी, जबकि 15 अन्य अपना उपवास जारी रखे हुए हैं।
देशद्रोह के मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए कन्हैया को अर्धचेतन अवस्था में गुरुवार को एम्स में भर्ती कराया गया था। शरीर में पानी की कमी और कीटोसिस के इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
जेएनयू छात्र संघ ने एक बयान में कहा, 'कन्हैया को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। उसे कुछ दिनों तक बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी गई है। उसकी कुछ मेडिकल जांच भी होनी है, इसलिए स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखते हुए उसने भूख हड़ताल वापस ले ली, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।'
स्वास्थ्य केंद्र से मिली जांच रिपोर्ट के मुताबिक उपवास कर रहे छात्रों में कीटोन स्तर उच्च है और उनका ब्लड प्रेशर गिरा हुआ है। दूसरी ओर जेएनयू ने छात्रों और शिक्षकों के लिए ताजा परामर्श जारी किया है, जिसमें उनसे बाहरी लोगों को परिसर में आमंत्रित करने से बचने के लिए कहा गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
परिसर में नौ फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में विश्वविद्यालय की तरफ से सुनाए गए दंड के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में से पांच ने गुरुवार को अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी, जबकि 15 अन्य अपना उपवास जारी रखे हुए हैं।
देशद्रोह के मामले में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए कन्हैया को अर्धचेतन अवस्था में गुरुवार को एम्स में भर्ती कराया गया था। शरीर में पानी की कमी और कीटोसिस के इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
जेएनयू छात्र संघ ने एक बयान में कहा, 'कन्हैया को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। उसे कुछ दिनों तक बिस्तर पर आराम करने की सलाह दी गई है। उसकी कुछ मेडिकल जांच भी होनी है, इसलिए स्वास्थ्य की स्थिति पर नजर रखते हुए उसने भूख हड़ताल वापस ले ली, लेकिन आंदोलन जारी रहेगा।'
स्वास्थ्य केंद्र से मिली जांच रिपोर्ट के मुताबिक उपवास कर रहे छात्रों में कीटोन स्तर उच्च है और उनका ब्लड प्रेशर गिरा हुआ है। दूसरी ओर जेएनयू ने छात्रों और शिक्षकों के लिए ताजा परामर्श जारी किया है, जिसमें उनसे बाहरी लोगों को परिसर में आमंत्रित करने से बचने के लिए कहा गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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