नई दिल्ली:
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में जारी प्रदर्शन और हड़ताल की वजह से पठन-पाठन का काम बाधित हो रहा है। हालांकि जेएनयू शिक्षक संघ ने मंगलवार की एक दिन की हड़ताल के बाद काम पर वापस आने का फैसला किया है, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्र कक्षाओं में लौटने को तैयार नहीं हैं। शिक्षक संघ ने भी उच्चस्तरीय जांच कमेटी को और व्यापक बनाने तथा इस मामले को आंतरिक मैकेनिज़्म के तहत निपटाने की मांग रखी है।
मौजूदा हालात के मद्देनज़र जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार ने शिक्षकों से अपील की है कि वे कैम्पस में हालात सामान्य बनाने में मदद करें। फैकल्टी के नाम जारी एक अपील में वीसी ने कहा कि जेएनयू विविधताओं से भरा संस्थान है, जहां हर किसी को सोचने और बहस करने की आज़ादी है और हम इसे यहां जारी रखेंगे। एक शिक्षक के तौर पर हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम छात्रों को उच्चस्तर की शिक्षा दें और उन्हें देश की तरक्की में सकारात्मक तौर पर योगदान करने के लिए तैयार करें।
दरअसल, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी और उस पर देशद्रोह का मामला लगाने, पुलिस को कैम्पस में घुसने देने और फिर पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों के साथ मारपीट की घटना के विरोध में जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को हड़ताल की थी, जिसे बाद में जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान वापस लेने का फैसला किया गया। लेकिन वीसी को यह अपील इसलिए जारी करनी पड़ी है, क्योंकि एसोसिएशन के कई सदस्य अपनी मांगों को लेकर असहयोगात्मक रुख अपनाए हुए हैं।
मौजूदा हालात के मद्देनज़र जेएनयू के वाइस चांसलर एम. जगदीश कुमार ने शिक्षकों से अपील की है कि वे कैम्पस में हालात सामान्य बनाने में मदद करें। फैकल्टी के नाम जारी एक अपील में वीसी ने कहा कि जेएनयू विविधताओं से भरा संस्थान है, जहां हर किसी को सोचने और बहस करने की आज़ादी है और हम इसे यहां जारी रखेंगे। एक शिक्षक के तौर पर हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम छात्रों को उच्चस्तर की शिक्षा दें और उन्हें देश की तरक्की में सकारात्मक तौर पर योगदान करने के लिए तैयार करें।
दरअसल, जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी और उस पर देशद्रोह का मामला लगाने, पुलिस को कैम्पस में घुसने देने और फिर पटियाला हाउस कोर्ट में जेएनयू के शिक्षकों और छात्रों के साथ मारपीट की घटना के विरोध में जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन ने मंगलवार को हड़ताल की थी, जिसे बाद में जनरल बॉडी मीटिंग के दौरान वापस लेने का फैसला किया गया। लेकिन वीसी को यह अपील इसलिए जारी करनी पड़ी है, क्योंकि एसोसिएशन के कई सदस्य अपनी मांगों को लेकर असहयोगात्मक रुख अपनाए हुए हैं।
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