
जेएनयू में छात्रों का प्रदर्शन (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
JNU में देश विरोधी नारेबाजी का मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल दखल देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि पहले अथॉरिटी के पास जाना चाहिए था। अभी पुलिस की जांच चल रही है, पुलिस को जांच करने दीजिए।
हाईकोर्ट ने कहा कि हम राजनेता नहीं हैं जो जल्दबाजी दिखाएं। दिल्ली पुलिस मामले की गहराई से जांच कराए और तह तक पहुंचे। देश की सुरक्षा के तीन पहलू हैं, कानून व्यवस्था, पब्लिक आर्डर और संप्रभुता। कोर्ट ने कहा कि ये याचिका प्रीमेच्योर है और 9 फरवरी को ही यह मामला हुआ है, इतना जल्दी याचिका को नहीं सुना जा सकता।
जेएनयू मामले में एनआईए की जांच की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यह सुनवाई की। याचिका में मांग कि गई है कि जिन लोगों ने देश विरोधी नारे लगाए हैं उनके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही याचिका में ये भी मांग कि गई है कि चैनल्स के फुटेज जांच एजेंसी को दिए जाएं ताकि जांच में सहयोग मिले। याचिका में मामले की अलग से न्यायिक जांच कराने की भी मांग है।
सुनवाई में केंद्र की ओर से दलील दी गई कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच में जुटी है। ये तय है कि जेएनयू में देश-विरोधी नारेबाजी हुई। लेकिन ये यूथफूल एरर था या इसके पीछे कोई साजिश है या नहीं ये जांच चल रही है। दिल्ली सरकार ने कहा कि इस शुरुआती जांच में याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती।
जेएनयू मामले की सुनवाई के दौरान हिंसा में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं
उधर, जेएनयू मामले की सुनवाई के दौरान पत्रकारों पर हमले की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। पत्रकारों की ओर से इस मामले में अपील दायर करते हुए हमलावरों पर कार्रवाई की मांग की गई है। हमला करने वालों में से ज्यादातर कैमरे पर दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इनमें से किसी की भी फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हुई है।
हाईकोर्ट ने कहा कि हम राजनेता नहीं हैं जो जल्दबाजी दिखाएं। दिल्ली पुलिस मामले की गहराई से जांच कराए और तह तक पहुंचे। देश की सुरक्षा के तीन पहलू हैं, कानून व्यवस्था, पब्लिक आर्डर और संप्रभुता। कोर्ट ने कहा कि ये याचिका प्रीमेच्योर है और 9 फरवरी को ही यह मामला हुआ है, इतना जल्दी याचिका को नहीं सुना जा सकता।
जेएनयू मामले में एनआईए की जांच की मांग वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यह सुनवाई की। याचिका में मांग कि गई है कि जिन लोगों ने देश विरोधी नारे लगाए हैं उनके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की जाए। साथ ही याचिका में ये भी मांग कि गई है कि चैनल्स के फुटेज जांच एजेंसी को दिए जाएं ताकि जांच में सहयोग मिले। याचिका में मामले की अलग से न्यायिक जांच कराने की भी मांग है।
सुनवाई में केंद्र की ओर से दलील दी गई कि दिल्ली पुलिस मामले की जांच में जुटी है। ये तय है कि जेएनयू में देश-विरोधी नारेबाजी हुई। लेकिन ये यूथफूल एरर था या इसके पीछे कोई साजिश है या नहीं ये जांच चल रही है। दिल्ली सरकार ने कहा कि इस शुरुआती जांच में याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकती।
जेएनयू मामले की सुनवाई के दौरान हिंसा में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं
उधर, जेएनयू मामले की सुनवाई के दौरान पत्रकारों पर हमले की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को सुनवाई करेगा। पत्रकारों की ओर से इस मामले में अपील दायर करते हुए हमलावरों पर कार्रवाई की मांग की गई है। हमला करने वालों में से ज्यादातर कैमरे पर दिखाई दे रहे हैं, लेकिन इनमें से किसी की भी फिलहाल गिरफ्तारी नहीं हुई है।
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