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This Article is From Sep 12, 2018

बच्चों के असुरक्षित होने का मतलब है पूरी मानवता का असुरक्षित होना : कैलाश सत्यार्थी

नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि बच्चों से जुड़ी समस्याओं का समाधान सभी देशों को मिलकर निकालना चाहिये.

बच्चों के असुरक्षित होने का मतलब है पूरी मानवता का असुरक्षित होना : कैलाश सत्यार्थी
कैलाश सत्यार्थी ने बच्चों की समस्याओं पर सभी देशों को मिलकर सोचने की अपील की.
नई दिल्ली:

नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि जिस तरह ग्लोबल वार्मिंग, आतंकवाद और असमानता जैसी समस्याओं से निपटना अकेले किसी एक देश के लिए संभव नहीं है, उसी तरह बच्चों से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी ठीक उसी तरह सभी देशों को मिलकर निकालना चाहिये. बच्चों के सुरक्षित न होने का मतलब मानवता का सुरक्षित न होना है. डॉ. सत्य पॉल मेमोरियल लेक्चर 2018 में 'शिशु, शिक्षा और राष्ट्र निर्माण' विषय पर पर बोलते हुए कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि सर्व शिक्षा अभियान हमारा ध्येय होना चाहिए. कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि ज्ञान की शक्ति की अहमियत को महसूस करने के साथ-साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि ज्ञान की शक्ति सभी को मिले.

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कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि शिक्षा में निवेश सबसे उत्कृष्ट निवेश है. कार्यक्रम में एपीजे सत्या समूह की अध्यक्ष सुषमा पॉल बर्लिअा ने कहा कि मानवीय मूल्यों को सबसे उपर रखा जाना चाहिये. आपको बता दें कि पिछले दिनों कैलाश सत्यार्थी ने कहा था कि देश में 18 साल से कम उम्र के 53 प्रतिशत बच्चे यौन उत्पीड़न के शिकार हैं और अधिकतर मामले सामने नहीं आते.

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