प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
मदरसे में बच्ची के साथ बलात्कार मामले में मुख्य आरोपी पर बालिग की तरह मुकद्दमा चलेगा. कोर्ट ने रेप के आरोपी को एक दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है.
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा पेश किए सबूत को सही माना है. इस मामले में क्राइम ब्रांच की आरोपी का बोन टेस्ट कराया था जिसमें आरोपी की उम्र लगभग 20 साल पाई गई. इस मामले में स्थानीय पुलिस ने आरोपी को नाबालिग बनाकर बाल सुधार गृह भेजा था. क्राइम ब्रांच ने आरोपी की इस रिपोर्ट को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया. इससे साफ जाहिर होता है कि इस मामले में लोकल पुलिस द्वारा लापरवाही बरती गई थी.
गाजीपुर रेप मामला : क्राइम ब्रांच की जांच में हुए कई खुलासे...
वहीं पीड़िता ने बताया है कि आरोपी युवक उसे मदरसा लेकर गया था और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर उसका बलात्कार किया. 11 साल की पीड़िता ने बताया कि मदरसा में मुख्य आरोपी ने उसका मोबाइल ले लिया था और मदरसे के मालिक ने भी उसे धमकाया था. पीड़िता ने एएनआई को बताया कि उसे पीने के लिए पानी दिया गया था जिसके बाद वह बेहोश हो गई. उसने बताया कि जब वह अगले दिन सोकर उठी तो पाया कि मेरे कपड़े भीगे हुए थे.
इस मामले में क्राइम ब्रांच की जांच में कई अहम जानकारियां सामने आई है. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक 21 अप्रैल को गाजीपुर इलाके से लड़की गायब हुई, उसी दिन लड़की के घरवालों की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज हुआ. 22 अप्रैल को रात 10 बजे लड़की ग़ाज़ियाबाद के मदरसे से बरामद हुई. लड़की ने बताया कि उसके साथ उसी लड़के ने रेप किया है जो उसे ले गया था. पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी लड़के ने बताया कि वो नाबालिग है. पुलिस के बयान और कोर्ट में दिए गए बयान में लड़की ने उसी लड़के पर रेप के आरोप लगाए. मौलवी का नाम नहीं लिया. मौलवी भी कहता रहा कि उसे इस घटना की जानकारी नहीं है. इसके बाद मामले को लेकर कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन हुए.
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23 अप्रैल को मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी. क्राइम ब्रांच ने मदरसे में जाकर जांच की तो रेप करने वाले आरोपी का आधार कार्ड वहां से बरामद हुआ जिसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ 8 जनवरी 1998 मिली. क्राइम ब्रांच ने उम्र और पुख्ता करने के लिए उसका बोन टेस्ट कराया. उसमें भी उसकी उम्र 20 साल के करीब आयी.
पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में उम्र से जुड़े दस्तावेज और बोन टेस्ट की रिपोर्ट सौंप दी है और मांग की है कि उस पर बालिग की तरह केस चले. ये आरोपी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और काफी समय से मदरसे में पढ़ा रहा था. मदरसे में पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने उसे रेप करते हुए देखा लेकिन उसने बच्चों की पिटाई कर कह दिया कि किसी को मत बताना.
उन्नाव में एक और गैंगरेप, 3 युवकों ने MMS वायरल करने की धमकी देकर 2 साल तक किया रेप
क्राइम ब्रांच ने 5-6 बच्चों के बयान भी दर्ज किए हैं. जांच में ये भी पता चला कि 34 साल के मौलवी को ये पता था कि लड़की यहां लायी गयी है, लेकिन उसने पुलिस को जानकारी नहीं दी, इसलिए उसे पॉक्सो के सेक्शन 21(2) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. इसमें एक साल की सज़ा होती है. हालांकि उसने रेप नहीं किया है लेकिन जानकारी छुपाई है. पुलिस ने लड़की की मेडिकल जांच कराई थी जिसमें उसके साथ रेप की पुष्टि हुई है. अभी उसके डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है.
VIDEO: गाजीपुर रेप में क्राइम ब्रांच की जांच में बालिग निकला आरोपी
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा पेश किए सबूत को सही माना है. इस मामले में क्राइम ब्रांच की आरोपी का बोन टेस्ट कराया था जिसमें आरोपी की उम्र लगभग 20 साल पाई गई. इस मामले में स्थानीय पुलिस ने आरोपी को नाबालिग बनाकर बाल सुधार गृह भेजा था. क्राइम ब्रांच ने आरोपी की इस रिपोर्ट को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया. इससे साफ जाहिर होता है कि इस मामले में लोकल पुलिस द्वारा लापरवाही बरती गई थी.
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वहीं पीड़िता ने बताया है कि आरोपी युवक उसे मदरसा लेकर गया था और उसके परिवार को जान से मारने की धमकी देकर उसका बलात्कार किया. 11 साल की पीड़िता ने बताया कि मदरसा में मुख्य आरोपी ने उसका मोबाइल ले लिया था और मदरसे के मालिक ने भी उसे धमकाया था. पीड़िता ने एएनआई को बताया कि उसे पीने के लिए पानी दिया गया था जिसके बाद वह बेहोश हो गई. उसने बताया कि जब वह अगले दिन सोकर उठी तो पाया कि मेरे कपड़े भीगे हुए थे.
इस मामले में क्राइम ब्रांच की जांच में कई अहम जानकारियां सामने आई है. क्राइम ब्रांच के सूत्रों के मुताबिक 21 अप्रैल को गाजीपुर इलाके से लड़की गायब हुई, उसी दिन लड़की के घरवालों की शिकायत पर अपहरण का मामला दर्ज हुआ. 22 अप्रैल को रात 10 बजे लड़की ग़ाज़ियाबाद के मदरसे से बरामद हुई. लड़की ने बताया कि उसके साथ उसी लड़के ने रेप किया है जो उसे ले गया था. पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी लड़के ने बताया कि वो नाबालिग है. पुलिस के बयान और कोर्ट में दिए गए बयान में लड़की ने उसी लड़के पर रेप के आरोप लगाए. मौलवी का नाम नहीं लिया. मौलवी भी कहता रहा कि उसे इस घटना की जानकारी नहीं है. इसके बाद मामले को लेकर कैंडल मार्च और विरोध प्रदर्शन हुए.
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23 अप्रैल को मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी. क्राइम ब्रांच ने मदरसे में जाकर जांच की तो रेप करने वाले आरोपी का आधार कार्ड वहां से बरामद हुआ जिसमें उसकी डेट ऑफ बर्थ 8 जनवरी 1998 मिली. क्राइम ब्रांच ने उम्र और पुख्ता करने के लिए उसका बोन टेस्ट कराया. उसमें भी उसकी उम्र 20 साल के करीब आयी.
पुलिस ने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में उम्र से जुड़े दस्तावेज और बोन टेस्ट की रिपोर्ट सौंप दी है और मांग की है कि उस पर बालिग की तरह केस चले. ये आरोपी पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और काफी समय से मदरसे में पढ़ा रहा था. मदरसे में पढ़ने वाले कुछ बच्चों ने उसे रेप करते हुए देखा लेकिन उसने बच्चों की पिटाई कर कह दिया कि किसी को मत बताना.
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क्राइम ब्रांच ने 5-6 बच्चों के बयान भी दर्ज किए हैं. जांच में ये भी पता चला कि 34 साल के मौलवी को ये पता था कि लड़की यहां लायी गयी है, लेकिन उसने पुलिस को जानकारी नहीं दी, इसलिए उसे पॉक्सो के सेक्शन 21(2) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. इसमें एक साल की सज़ा होती है. हालांकि उसने रेप नहीं किया है लेकिन जानकारी छुपाई है. पुलिस ने लड़की की मेडिकल जांच कराई थी जिसमें उसके साथ रेप की पुष्टि हुई है. अभी उसके डीएनए रिपोर्ट का इंतजार है.
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