देश के पूर्व लॉ सेक्रेटरी पीके मल्होत्रा ने कानून की किताबों में गैर जरूरी और निष्प्रभावी कानूनों की बढ़ती संख्या को बड़ी समस्या बताया है. इसके समाधान के लिए उन्होंने नए कानून बनाए जाने के दौरान उन कानूनों की न्यायिक प्रभावशीलता के मूल्यांकन की जरूरत पर बल दिया. इसके साथ ही उन्होंने कानूनों की एक्सपायरी डेट (सनसेट क्लॉज) तय करने की मांग पर भी सहमति जताई. वह संविधान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम के दौरान एक पैनल परिचर्चा में विचार व्यक्त कर रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन थिंकटैंक सेंटर फॉर सिविल सोसायटी (सीसीएस) द्वारा किया गया था.
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दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में सीसीएस व विभिन्न राज्यों के प्रतिष्ठित विधि विश्वविद्यालयों के शोधार्थियों द्वारा 6 राज्यों के बेकार व अप्रभावी कानूनों की सूची वाली पुस्तिका का विमोचन किया गया. शोध के लिए चुने गए राज्यों में असम, गुजरात, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और जम्मू एवं कश्मीर आदि शामिल हैं. कार्यक्रम के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री तारिक अनवर समेत कई विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे. इस दौरान पुराने व बेकार कानूनों के समापन के लिए संविधान दिवस को रिपील लॉ डे रूप में मनाने की मांग की गई.
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