Baba Ka Dhaba: दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर में 'बाबा का ढाबा' मामले में फूड ब्लॉगर गौरव वासन पर धोखाधड़ी के आरोप में FIR दर्ज होने के बाद उन्होंने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी है. गौरव वासन ने अपने फेसबुक अकाउंट पर विक्रांत दत्त की लिखी एक कविता शेयर की है जिसकी शुरुआती 2 पंक्तियां हैं
'गौरव तेरी करनी पर बैल तुझे ही मार गया,
अच्छा काम करते करते आज तू भी हार गया'
यह पंक्तियां बताती हैं कि फूड ब्लॉगर गौरव वासन कहना चाहते हैं कि उन्होंने किसी के लिए अच्छा काम किया लेकिन उसका उन्हें ही नुकसान हो गया। लेकिन इसी कविता में आखरी में दो लाइन आगे के लिए हिम्मत भी बंधाती है। पंक्तियां हैं
'तू अपना मन मत मार लेना इस घटना के बाद में
कीचड़ में रह रह कर ही कमल का फूल खिलता है'
गौरव वासन की फेसबुक पोस्ट
गौरव तेरी करनी पर बैल तुझे ही मार गया
अच्छा काम करते करते आज तू भी हार गया
तेरी नियत पर अब सवाल हर कोई करता है
तूने अच्छा काम किया है , तू लोगो से क्यों डरता है
बाबा ने कर ली मन की शायद उसके कान भरे
पिछले महीनो दिल्ली में भी कितने लोग भूके मरे
तूने जा कर उसके ही ढाबे को मशहूर किया
बाबा की करनी के पीछे कितनो के अरमान मरे
अच्छा काम करने का गर ये ही सिला मिलता है
दिल में अगर हो चाहत तो पहाड़ भी एक दिन हिलता है
तू अपना मन मत मार लेना इस घटना के बाद में
कीचड़ में रह रह कर ही कमल का फूल खिलता है
विक्रांत दत्त
क्या है मामला?
दरअसल बीते महीने फूड ब्लॉगर गौरव वासन ने दक्षिणी दिल्ली के मालवीय नगर के एक छोटे से ढाबे ' बाबा का ढाबा' का एक वीडियो बनाया था. जिसमें दिखाया था कि 80 वर्षीय बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद और उनकी पत्नी ढाबे पर बहुत मेहनत करते हैं लेकिन कोरोना के चलते लोग अब उनके ढाबे पर आते ही नहीं है जिसके चलते रोजाना 200-300 रुपए की ही दुकानदारी हो पाती है जिसमें कमाई तो क्या होगी लागत भी पूरी नहीं निकल पाती. वीडियो इमोशनल था इसलिए वायरल हुआ जिसके बाद बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद को आर्थिक मदद के साथ-साथ ग्राहकों की भीड़ भी मिल गई. रोज़ाना की दुकानदारी 10 हज़ार रुपये तक पहुंच गई. रातों रात बाबा का ढाबा और उसके मालिक मशहूर हो गए लेकिन 31 अक्टूबर को बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद ने मालवीय नगर पुलिस थाने में शिकायत दी और फूड ब्लॉगर गौरव वासन पर मदद के लिए आए पैसों में हेराफेरी का आरोप लगाया.
फूड ब्लॉगर गौरव वासन ने कहां कि उन्होंने बाबा के नाम पर अपने बैंक अकाउंट में आए 3.78 लाख रुपये(₹2.33 लाख का चेक, ₹1लाख की NEFT और ₹45 हज़ार अपनी पत्नी के अकाउंट से बाबा के अकाउंट में ट्रांसफर ) दे दिए हैं.
पहले ढाबा के मालिक कांता प्रसाद का कहना था कि गौरव वासन ने उनको ₹2.33 लाख के चेक के अलावा कुछ नहीं दिया, लेकिन शुक्रवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांता प्रसाद के वकील प्रेम जोशी ने कहा कि पुलिस ने उनको बताया है कि कांता प्रसाद के बैंक अकाउंट में ₹1लाख की NEFT और ₹45 हज़ार गौरव वासन की पत्नी के अकाउंट से कांता प्रसाद के अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं. यानी कांता प्रसाद और उनके सहयोगी भी ₹3.78 लाख मिलने की बात स्वीकार कर रहे हैं,
कहाँ फंसा है पेंच?
अब सारी कहानी ये बची है कि बाबा का ढाबा के मालिक कांता प्रसाद और उनके सहयोगियों का मानना है गौरव वासन के अपने और अपने परिवार के बैंक अकाउंट में डोनेशन का पैसा ज्यादा आया है जबकि गौरव वासन ने कम पैसा ढाबा मालिक को दिया. इसके अलावा अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि ढाबा मालिक कांता प्रसाद के अपने बैंक अकाउंट में डोनेशन के नाम पर कितना पैसा आया है. ढाबा मालिक कांता प्रसाद का सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की मालवीय नगर ब्रांच में अकाउंट है. बैंक का कहना है कि पिछले दिनों कांता प्रसाद जब अपने बैंक खाते से कुछ पैसा निकालने आए थे तब उनको उनके बैंक अकाउंट के बारे में सारी जानकारी बता दी गई थी और यह भी बता दिया गया था कि उनके बैंक खाते में कितना पैसा है.
जबकि कांता प्रसाद का कहना है कि वो अपने बैंक अकाउंट से पैसा जरूर निकाल कर लाए थे लेकिन बैंक ने उनको यह नहीं बताया कि उनके अकाउंट में अभी कितना पैसा है.
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