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This Article is From Jun 14, 2016

राष्ट्रपति कार्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाएं : बीजेपी की केजरीवाल को सलाह

राष्ट्रपति कार्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल नहीं उठाएं : बीजेपी की केजरीवाल को सलाह
डॉ संबित पात्रा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: संसदीय सचिव संबंधी विधेयक को अस्वीकार करने पर राष्ट्रपति कार्यालय की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार करते हुए बीजेपी ने आरोप लगाया कि वह बिना किसी कारण के ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने की आसक्ति से ग्रस्त हो गए हैं।

बीजेपी प्रवक्ता डॉ संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल ‘हताश’ हो गए हैं क्योंकि उनकी उड़ान भरती आकांक्षा ध्वस्त हो गई है। उन्हें राष्ट्रपति के फैसले को राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।

रत के राष्ट्रपति की विश्वसनीयता को कमतर नहीं करे
पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए पात्रा ने कहा, ‘‘भारत के राष्ट्रपति और चुनाव आयोग का कार्यालय एक स्वतंत्र संस्था हैं और उनकी काफी विश्वसनीयता है। आपकी (केजरीवाल) कुछ राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हो सकती हैं, लोकतांत्रिक प्रणाली में यह सही भी है लेकिल भगवान के लिए भारत के राष्ट्रपति की विश्वसनीयता को कमतर नहीं करे क्योंकि अंतत: आप इस देश के लोकतंत्र को कमतर करेंगे।’’

केजरीवाल ने विधेयक को नामंजूर किए जाने के मुद्दे पर सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई में शामिल होने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी, ‘आप’ से डरती है और दिल्ली में पराजय को नहीं पचा पाई है।

विधेयक को राष्ट्रपति ने अस्वीकार किया है
यह पूछे जाने पर कि विधेयक नामंजूर करने में प्रधानमंत्री की क्या भूमिका हो सकती है जबकि इस विधेयक को राष्ट्रपति ने अस्वीकार किया है, केजरीवाल ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति कोई निर्णय नहीं करते हैं। संभवत: फाइल उनके पास भी नहीं जाती है। निर्णय सरकार और गृह मंत्रालय करता है।’’ बहरहाल, बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 21 विधायकों को आयोग्य ठहराने का मुद्दा राष्ट्रपति और चुनाव आयोग के समक्ष है।

मामले में शिकायतकर्ता एक स्वतंत्र वकील हैं
पात्रा ने कहा, ‘‘यह मुद्दा बीजेपी के पास नहीं है। हमें इस बारे में कुछ नहीं करना है।’’ उन्होंने साथ ही याद दिलाया कि इस मामले में शिकायतकर्ता एक स्वतंत्र वकील हैं। उन्होंने कहा कि 2006 में तैयार कानून के तहत दिल्ली एक संसदीय सचिव की पात्रता रखता है और केजरीवाल को 21 विधायकों को संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त करने से पहले इसमें संशोधन करना सुनिश्चित करना चाहिए था।

पात्रा ने कहा, ‘‘लेकिन वे पिछली तिथि से इसमें संशोधन करने का प्रयास कर रहे हैं और रंगे हाथ पकड़े गए हैं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल काम नहीं कर रहे हैं और केवल दूसरों पर निशाना साधने में लगे हैं और सुबह से शाम तक वह अपने मंत्रियों के साथ मोदी की आशक्ति से ग्रस्त रहते हैं।

देश में सबसे अधिक वेतन पाने वाले विधायकों में शामिल हैं आप विधायक
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में आप के विधायक देश में सबसे अधिक वेतन पाने वाले विधायकों में शामिल हैं और उनके वेतन में 400 प्रतिशत की वृद्धि की गई। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, ‘‘जब वे अपना शपथ लेते हैं तब मेट्रो से, ऑटो रिक्सा से और परिवहन के दूसरे साधारण माध्यम से आते हैं कि वे सेवा करने जा रहे हैं। लेकिन अब वे कह रहे हैं कि अगर कोई विधायक अस्पताल या स्कूल जाता है तब उसे अतिरिक्त भुगतान मिलना चाहिए, लाल बत्ती मिलनी चाहिए। क्या यह सेवा है या सेवा का व्यवसायीकरण है।’’ पात्रा ने कहा कि बीजेपी को आप से कोई भय नहीं है और लोग देख रहे हैं कि दिल्ली की सरकार कैसे काम कर रही है।

उल्लेखनीय है कि आप सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा जब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उस विधेयक को हरी झंडी दिखाने से मना कर दिया जिसमें संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त 21 विधायकों को सुरक्षा प्रदान करने का प्रावधान किया गया है और जो आयोग्य घोषित किए जाने के खतरे का सामना कर रहे हैं।

राष्ट्रपति के समक्ष इन विधायकों को आयोग्य ठहराये जाने की याचिका दायर की गई है और यह आधार दिया गया है कि ये संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए लाभ के पद पर रहे। राष्ट्रपति ने इस विषय को चुनाव आयोग के पास भेजा था। आयोग ने इस विषय पर विधायकों से जवाब मांगा है। इस बीच दिल्ली सरकार ने संबंधित विधेयक में संशोधन की पहल की है।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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