
प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए महत्वाकांक्षी सम-विषम परिवहन फॉर्मूले (ऑड-ईवन फॉर्मूले) की रूपरेखा गुरुवार को जारी की, जिसका क्रियान्वयन एक जनवरी, 2016 से किया जाएगा। दिल्ली सरकार के मुताबिक, विषम रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहनों का परिचालन विषम तारीख (1,5,7,9,11,13, व 15 जनवरी) के दिन जबकि सम रजिस्ट्रेशन नंबर वाले वाहनों का परिचालन सम तारीख (2,4,6,8,12,14 जनवरी) को होगा। यह योजना तीन जनवरी व 10 जनवरी को लागू नहीं होगी, क्योंकि इस दिन रविवार है। जानें इसकी प्रमुख बातें...
- ऑड-ईवन फॉर्मूले का क्रियान्वयन आगामी एक जनवरी से 15 दिनों के लिए पायलट आधार पर किया जाएगा। यह नियम रविवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी छह दिन सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू होगा।
- महिला चालक और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के साथ सफर कर रही महिलाओं को ही सम-विषम फॉर्मूले से बाहर रखा गया है।
- दोपहिया चालकों को भी इस सीमा से बाहर रखा गया है।
- प्रमाण पत्र वाले सीएनजी वाहनों को भी इस दायरे से बाहर रखा गया है।
- चार से पांच हजार अतिरिक्त बसें व 10 हजार नए ऑटो रिक्शा सार्वजनिक परिवहन का हिस्सा बनेंगे।
- मेट्रो रेल के फेरे बढ़ाए जाएंगे।
- एंबुलेंस, दमकल वाहनों, जेल वैन, शव वाहनों और पुलिस के वाहनों को भी सम-विषम फॉर्मूले से बाहर रखा गया है।
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा व राज्यसभा के अध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यसभा के उपासभापति, लोकायुक्त, राज्यों के राज्यपाल, दिल्ली के उप राज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री को छोड़कर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के न्यायाधीश को भी इससे बाहर रखा जाएगा।
- अर्धसैनिक बलों के वाहन, विदेशी दूतावासों के वाहन तथा रक्षा मंत्रालय के नंबर वाले वाहनों को इससे बाहर रखा जाएगा।
- उन्होंने इस फॉर्मूले का उल्लंघन करने वालों पर 2,000 रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।
- आपातकालीन चिकित्सा के लिए अस्पताल जा रहे लोगों को भी इस दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन इसके लिए उनके पास कोई प्रमाण होना जरूरी
- ऑड-ईवन फॉर्मूले का क्रियान्वयन आगामी एक जनवरी से 15 दिनों के लिए पायलट आधार पर किया जाएगा। यह नियम रविवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी छह दिन सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक लागू होगा।
- महिला चालक और 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चे के साथ सफर कर रही महिलाओं को ही सम-विषम फॉर्मूले से बाहर रखा गया है।
- दोपहिया चालकों को भी इस सीमा से बाहर रखा गया है।
- प्रमाण पत्र वाले सीएनजी वाहनों को भी इस दायरे से बाहर रखा गया है।
- चार से पांच हजार अतिरिक्त बसें व 10 हजार नए ऑटो रिक्शा सार्वजनिक परिवहन का हिस्सा बनेंगे।
- मेट्रो रेल के फेरे बढ़ाए जाएंगे।
- एंबुलेंस, दमकल वाहनों, जेल वैन, शव वाहनों और पुलिस के वाहनों को भी सम-विषम फॉर्मूले से बाहर रखा गया है।
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, लोकसभा व राज्यसभा के अध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यसभा के उपासभापति, लोकायुक्त, राज्यों के राज्यपाल, दिल्ली के उप राज्यपाल, दिल्ली के मुख्यमंत्री को छोड़कर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के न्यायाधीश को भी इससे बाहर रखा जाएगा।
- अर्धसैनिक बलों के वाहन, विदेशी दूतावासों के वाहन तथा रक्षा मंत्रालय के नंबर वाले वाहनों को इससे बाहर रखा जाएगा।
- उन्होंने इस फॉर्मूले का उल्लंघन करने वालों पर 2,000 रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।
- आपातकालीन चिकित्सा के लिए अस्पताल जा रहे लोगों को भी इस दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन इसके लिए उनके पास कोई प्रमाण होना जरूरी
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