नई दिल्ली:
दक्षिणी दिल्ली के मूलचंद से लेकर आंबेडकर नगर के बीच 5.8 किलोमीटर के बीआरटी कॉरिडोर पर आज (मंगलवार) को पहला हथौड़ा लगेगा। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया खुद दोपहर दो बजे सांकेतिक रूप से पहला हथौड़ा बीआरटी पर चलाकर इसको हटाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
लागत 150 करोड़, तोड़ने पर 12 करोड़ रुपये व्यय अनुमानित
मनीष सिसोदिया के साथ उन पांच विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी होंगे जिन्होंने बीआरटी की शिकायत की थी और इसी आधार पर सरकार ने बीआरटी हटाने का फैसला किया। मूलचंद से अंबेडकर नगर के बीच बीआरटी कॉरिडोर पांच विधानसभा क्षेत्रों को छूते हुए निकलता है। इसमें कस्तूरबा नगर, ग्रेटर कैलाश, संगम विहार, देवली और अंबेडकर नगर शामिल हैं। बीआरटी कोरिडोर का निर्माण 2008 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार द्वारा करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। इसको हटाने में करीब 12 करोड़ का खर्च आ सकता है।
दो चरणों में होगा काम पूरा
19 जनवरी से शुरू होने वाला बीआरटी हटाने का काम दो चरणों में पूरा होगा। पहले एक महीने में इसमें सभी बाधाएं हटाई जाएंगी और उसके बाद दूसरे चरण में इसको री डिजाइन करके आधुनिक शक्ल दी जाएगी।
सुविधा की जगह समस्या खड़ी की बीआरटी ने
दिल्ली सरकार मानती है बीआरटी एक अच्छा कांसेप्ट तो है लेकिन जिस जगह पर इसको लागू किया गया वह सही नहीं थी इसलिए यह जब से बना तभी से कार वाले या बाइक वाले तो परेशान थे ही साथ ही बस में चलने वाले वह लोग भी परेशान थे जिनके लिए यह मूल रूप से बना था। इसमें जाम ही इतना लग जाता है कि वाहन कोई भी हो, समय सबका बर्बाद होता है।
फरवरी तक पूरा किया जाएगा काम
गौरतलब है कि दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा था कि मूलचंद से अंबेडकर नगर के बीच 5.8 किलोमीटर लंबे ‘बस रैपिड ट्रांजिट’ (बीआरटी) कॉरिडोर को हटाने का काम फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। जैन ने कहा था कि ऑड-ईवन योजना पूरी होने के बाद सरकार दक्षिणी दिल्ली में बीआरटी कोरिडोर हटाना शुरू करेगी।
सलाहकार नियुक्त
सरकार ने सड़कों के डिजाइन के लिए एक ‘सलाहकार’ की नियुक्ति की है। जैन ने कहा था कि सुचारू यातायात बनाए रखने के लिए सरकार सुनिश्चित करेगी कि बीआरटी कॉरिडोर को हटाने का काम सिर्फ रात में ही किया जाए।
(इनपुट एजेंसी से भी...)
लागत 150 करोड़, तोड़ने पर 12 करोड़ रुपये व्यय अनुमानित
मनीष सिसोदिया के साथ उन पांच विधानसभा क्षेत्रों के विधायक भी होंगे जिन्होंने बीआरटी की शिकायत की थी और इसी आधार पर सरकार ने बीआरटी हटाने का फैसला किया। मूलचंद से अंबेडकर नगर के बीच बीआरटी कॉरिडोर पांच विधानसभा क्षेत्रों को छूते हुए निकलता है। इसमें कस्तूरबा नगर, ग्रेटर कैलाश, संगम विहार, देवली और अंबेडकर नगर शामिल हैं। बीआरटी कोरिडोर का निर्माण 2008 में तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार द्वारा करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से किया गया था। इसको हटाने में करीब 12 करोड़ का खर्च आ सकता है।
दो चरणों में होगा काम पूरा
19 जनवरी से शुरू होने वाला बीआरटी हटाने का काम दो चरणों में पूरा होगा। पहले एक महीने में इसमें सभी बाधाएं हटाई जाएंगी और उसके बाद दूसरे चरण में इसको री डिजाइन करके आधुनिक शक्ल दी जाएगी।
सुविधा की जगह समस्या खड़ी की बीआरटी ने
दिल्ली सरकार मानती है बीआरटी एक अच्छा कांसेप्ट तो है लेकिन जिस जगह पर इसको लागू किया गया वह सही नहीं थी इसलिए यह जब से बना तभी से कार वाले या बाइक वाले तो परेशान थे ही साथ ही बस में चलने वाले वह लोग भी परेशान थे जिनके लिए यह मूल रूप से बना था। इसमें जाम ही इतना लग जाता है कि वाहन कोई भी हो, समय सबका बर्बाद होता है।
फरवरी तक पूरा किया जाएगा काम
गौरतलब है कि दिल्ली के लोक निर्माण मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा था कि मूलचंद से अंबेडकर नगर के बीच 5.8 किलोमीटर लंबे ‘बस रैपिड ट्रांजिट’ (बीआरटी) कॉरिडोर को हटाने का काम फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। जैन ने कहा था कि ऑड-ईवन योजना पूरी होने के बाद सरकार दक्षिणी दिल्ली में बीआरटी कोरिडोर हटाना शुरू करेगी।
सलाहकार नियुक्त
सरकार ने सड़कों के डिजाइन के लिए एक ‘सलाहकार’ की नियुक्ति की है। जैन ने कहा था कि सुचारू यातायात बनाए रखने के लिए सरकार सुनिश्चित करेगी कि बीआरटी कॉरिडोर को हटाने का काम सिर्फ रात में ही किया जाए।
(इनपुट एजेंसी से भी...)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बीआरटी कॉरिडोर, दिल्ली बीआरटी, बस रैपिड ट्रांजिट, सतेंद्र जैन, बीआरटी को तोड़ने का काम, BRT Corridor, Delhi BRT, Bus Rapid Transit, Satyendra Jain, Dismantling Of BRT Corridor