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जनवरी में ठिठुरन, तो फरवरी में ठंड ही गायब! सर्दी में क्यों लग रही इतनी 'गर्मी', मौसम का हाल समझिए

अक्टूबर 2024 में 73 सालों में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया, वहीं नवंबर का महीना भी आठ सालों में सबसे गर्म रहा और दिसंबर में भी औसत से अधिक तापमान दर्ज किया गया.

जनवरी में ठिठुरन, तो फरवरी में ठंड ही गायब! सर्दी में क्यों लग रही इतनी 'गर्मी', मौसम का हाल समझिए
नई दिल्ली:

दिल्ली में इस बार ठंड ने सर्दी के मौसम का अजीब सा मिजाज रहा है. इस बार दिल्ली में उतने कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ी जैसी कि यहां आमतौर पर होती है. यही वजह है कि अभी फरवरी का महीना खत्म भी नहीं हुआ और लोगों के पसीने छूटने लगे हैं. हालत ये है कि लोग ज्यादा देर तक धूप में खड़े तक नहीं हो पा रहे हैं. जबकि इन दिनों में लोग गुनगुनी धूप का मजे से लुत्फ उठाते थे. इस बार रिकॉर्ड सर्दी ना पड़ने का है यानी सीधे शब्दों में कहें तो सर्दी में गर्मी का एहसास कराने का है. अक्टूबर 2024 में 73 सालों में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया, वहीं नवंबर का महीना भी आठ सालों में सबसे गर्म रहा और दिसंबर में भी औसत से अधिक तापमान दर्ज किया गया.

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जनवरी में नहीं पड़ी कड़ाके की सर्दी

यही नहीं जनवरी के जिस महीने में ठंड का टॉर्चर चरम पर होता है, इस बार वो भी 8 सालों में रिकॉर्ड पर सबसे गर्म रहा. अब जब फरवरी का लगभग आधा महीना बीत चुका है. तब फरवरी में तापमान लगातार ऊपर ही जाता जा रहा है, मंगलवार का अधिकतम तापमान 29.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक है. इस बार दिल्ली में ठंड कितनी पड़ी है इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि अबकी बार दिसंबर में केवल एक शीत लहर का दिन दर्ज किया गया, जबकि सर्दियों के मौसम में अमूमन ऐसा नहीं होता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस मौसम में शीत लहर का दिन दर्ज नहीं किया.

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दिल्ली में मौसम का अजीब मिजाज क्यों

कमजोर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण दिल्लीवासियों को ऐसा तापमान महसूस हो रहा है जो बिल्कुल भी सर्दी जैसा नहीं है. यह सिर्फ दिल्ली में ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर-पश्चिम भारत में मौसम इस मौसम में गर्म रहा है. ऐसा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की गैरमौजूदगी के कारण हुआ. जब कोई वेस्टर्न डिस्टर्बेंस क्षेत्र को प्रभावित करता है, तो इससे तापमान में गिरावट आती है. उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करने वाला वेस्टर्न डिस्टर्बेंस कमजोर था, नतीजतन इस क्षेत्र में कम बारिश दर्ज की गई. हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी की गतिविधि भी इस मौसम में उतनी तेज नहीं थी, शहर में पारा तब गिरता है जब उत्तर-पश्चिमी हवाएं पहाड़ों से ठंडी हवाएं लाती हैं.

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अक्टूबर में कैसा रहा मौसम

अक्टूबर में औसत मासिक अधिकतम तापमान 35.1 रहा वहीं न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस था, जो 1951 के बाद से सबसे अधिक था. ये महीना 100% बारिश की कमी के साथ खत्म हुआ.

नवबंर के मौसम का हाल

नवंबर 2024 8 सालों में सबसे गर्म नवंबर था, नवंबर में औसत अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस था, जो 2016 के बाद सबसे अधिक था.

नवंबर में औसत न्यूनतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस था, जो 2019 के बाद सबसे अधिक था. इस दौरान भी कोई बारिश नहीं हुई. कोई शीतलहर नहीं चली.

दिसंबर में कैसा रहा मौसम

दिसंबर महीने के पहले आधे हिस्से में तापमान सामान्य से ज़्यादा दर्ज किया गया. दूसरे हिस्से में बारिश के कारण तापमान में गिरावट आई.

इस महीने में शीत लहर का दिन भी दर्ज किया गया. 53.8 मिमी बारिश ने इसे 27 सालों में सबसे ज़्यादा बारिश वाला दिसंबर बना दिया.

जनवरी में मौसम का अलग रंग

जनवरी 2025 में औसत न्यूनतम तापमान 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो जनवरी 2017 के बाद सबसे अधिक था.

वहीं औसत अधिकतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस रहा, जो जनवरी 2019 के बाद सबसे अधिक था. ये महीना भी 65% कम बारिश के साथ समाप्त हुआ. इस दौरान कोई शीतलहर नहीं चली.

फरवरी में छूटने लगे पसीने

फरवरी 2025 के पिछले कुछ दिनों से अधिकतम तापमान सामान्य से 3 से 6 डिग्री अधिक बना हुआ है. फरवरी में अब तक केवल एक दिन बारिश (सिर्फ 0.5 मिमी) दर्ज की गई.

27 साल में दिसंबर में सबसे ज्यादा बारिश

इस मौसम में दिल्ली की ओर लगातार उत्तर-पश्चिमी हवाएं नहीं बह रही थीं. वास्तव में, इस मौसम के दौरान, राजधानी में आसमान साफ ​​रहा, जिससे तापमान में बढ़ोतरी हुई. बारिश और बादल छाए रहने से तापमान बढ़ने से रुक गया. आईएमडी के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर और नवंबर में सामान्य से 100 फीसदी की कमी रही. हालांकि, दिसंबर में 53.8 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 27 साल में सबसे अधिक बारिश वाला दिसंबर था. दिसंबर में दर्ज की गई कुल बारिश में से, 28 दिसंबर को एक ही दिन में 41.2 मिमी बारिश हुई, जो 101 साल में सबसे अधिक थी. दिसंबर में हुई बारिश के कारण कुछ दिनों में पारा गिर गया, जिससे कुछ इलाकों में दिन में ठंड की स्थिति बन गई.

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हालांकि, जनवरी में फिर से कम बारिश दर्ज की गई, इस महीने में 19.1 मिमी के मासिक औसत के मुकाबले सिर्फ 6.6 मिमी बारिश दर्ज की गई और 65% की कमी के साथ समाप्त हुआ. इस साल जनवरी में एक भी ठंडा दिन और शीत लहर का दिन दर्ज नहीं किया गया, जबकि जनवरी 2024 में पांच ठंडे दिन और पांच शीत लहर वाले दिन देखे गए थे. शीत लहर तब मानी जाती है जब न्यूनतम तापमान सामान्य से चार या अधिक डिग्री कम होता है या जब न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम होता है. हालांकि, 'ठंडा दिन' तब घोषित किया जाता है जब न्यूनतम तापमान 10.1 डिग्री सेल्सियस से कम होता है और अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री या उससे अधिक होता है. फरवरी भी अलग नहीं रहा, 4 फरवरी को बहुत हल्की बारिश हुई.
 

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