दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली पुलिस ने ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है जो दिल्ली और NCR में छोटे बच्चों से मोबाइल चोरी करवाता था. फिर ये मोबाइल बांग्लादेश भेज देता था. जानकारी के अनुसार, दिल्ली में अब तक ये गैंग करीब 10 हज़ार मोबाइल चोरी कर चुका है. खास बात ये है कि गैंग के सभी सदस्य एक ही गांव के रहने वाले हैं. वो गांव है झारखंड के साहिबगंज जिले का महाराजपुर. कुछ साल पहले हमने इसी गांव में जाकर स्टोरी कर ये खुलासा किया था कि किस तरह से इस पूरे गांव का पेशा चोरी है. गांव के लोग पीढ़ियों से चोरी कर रहे हैं. गांव में लोग चोरी करने के लिए अपने बच्चों को गांव के कुछ माफियाओं को ठेके पर ठेके पर दे देते हैं.फिर इस गांव के बच्चे देश के कोने कोने में जाकर चोरी करते हैं
दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के DCP गौरव शर्मा के मुताबिक, 9 फरवरी को एक सूचना के बाद उनकी एंटी स्नैचिंग सेल ने दिल्ली के भीड़भाड़ वाले साप्ताहिक बाजारों से हाई-एंड मोबाइल फोन की चोरी में शामिल एक बड़े सिंडिकेट को पकड़ा. कुल 10 लोग पकड़े गए जिसमें 5 नाबालिग थे. ये सभी लोग दिल्ली के भीड़भाड़ वाले साप्ताहिक बाजारों से मोबाइल चोरी की घटनाओं में सक्रिय रूप से शामिल थे. इनके पास से 110 महंगे मोबाइल बरामद हुए. इस मोबाइल सिंडिकेट का गैंग लीडर अलोपी महतो है जो झारखंड के साहिबगंज जिले के महाराजपुर गांव का रहने वाला है. उसके साथ गैंग में शामिल उसके रिश्तेदार बाकी लोग भी महाराजपुर गांव के ही रहने वाले हैं. इस गैंग ने करीब 10 हज़ार मोबाइल चोरी किए हैं.
पूछताछ के दौरान गिरोह के सरगना अलोपी ने कबूल किया कि वह अपनी टीम के साथ साल में तीन-चार बार दिल्ली आता है और करीब 45 दिनों तक काम करता है. पिछले 1 साल से वह अपनी टीम के सदस्यों के साथ करावल नगर में किराए पर रह रहा था. वो नाबालिग लड़को से चोरी करवाता था. इसके बाद चोरी हुए मोबाइल फोन को रिसीवर पप्पू और रिंकू के जरिये बांग्लादेश भेज देता था. हाल ही में गिरोह के सरगना ने पिछले हफ्ते ही 40 मोबाइल फोन पप्पू को 90000 रुपये में बेचे थे.सभी व्यक्तियों को किशनगढ़ और सागरपुर से पकड़ा गया है.गैंग का सरगना अलोपी महतो झारखंड से 8-10 नाबालिगों के साथ दिल्ली आता है. एक वयस्क और एक नाबालिग की टीम बनाकर नाबालिगों को दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में साप्ताहिक बाजारों में भेजा जाता है. फिर नाबालिगों को पर्स और मोबाइल फोन चोरी करने के लिए कहा जाता है. नाबालिग चोरी करने के बाद मोबाइल साथ वाले वयस्क को सौंप देता था.इसके बाद सभी मोबाइलों को किंगपिन द्वारा इकठ्ठा किया जाता है और रिसीवर पप्पू और रिंकू के माध्यम से बांग्लादेश भेज दिया जाता है.आरोपियों पर पहले से मोबाइल और पर्स चोरी के कई केस दर्ज हैं.
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