दिल्ली के जामिया इलाक़े में गुरुवार को उस समय अफ़रा-तफ़री मच गई, जब एक शख़्स ने गोली मारकर एक छात्र को घायल कर दिया. हमलावर हवा में पिस्तौल लहरा रहा था और नारेबाज़ी भी कर रहा था. हथियार लेकर एक हमलावर प्रदर्शनकारियों के बीच शामिल होता है...वो गोली चलाता है, एक छात्र घायल भी होता है और पुलिस इन सबके बाद उसे गिरफ़्त में लेती है. ऐसे में पुलिस के रवैए पर भी सवाल उठ रहे हैं. सवाल है कि शांति मार्च की ख़बर होने के बाद भी पुलिस ने अतिरिक्त सुरक्षा क्यों नहीं बरती? आरोपी हमलावर पर तुरंत क़ाबू न पाने को लेकर भी ख़ाकी अमले पर सवाल उठ रहे हैं. ताज़ा हालात की बात करें तो छात्र शांति मार्च निकालने पर अड़े हुए हैं और पुलिस लगातार उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है.
घटना के बाद क्षेत्र में व्यापक प्रदर्शन शुरू हो गया. सैकड़ों लोग विश्वविद्यालय के पास जमा हो गए, लोगों ने बैरिकेड तोड़ दिये और पुलिसकर्मियों से भिड़ गए. पुलिस ने बताया कि गोली चलाने वाले व्यक्ति ने स्वयं की पहचान ‘‘रामभक्त गोपाल'' के तौर पर बतायी. उसे बाद में पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस उसे हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. इस घटना से क्षेत्र में खलबली मच गई. यह पूरी घटना टेलीविजन कैमरों में रिकॉर्ड हो गई जिसमें दिखा कि हल्के रंग की पैंट और गहरे रंग की जैकेट पहने व्यक्ति पुलिस द्वारा बैरिकेड लगायी गयी खाली सड़क से निकलता है और मुड़़कर प्रदर्शनकारियों पर चिल्लाता है ‘‘ये लो आजादी.'' उक्त व्यक्ति पिस्तौल दिखाने से पहले फेसबुक पर लाइव हुआ था. पुलिस ने कहा कि वह इसकी जांच कर रही है कि क्या यह उसका वास्तविक नाम है.
इस घटना से पहले व्यक्ति ने फेसबुक पर संदेश पोस्ट किये ‘‘शाहीनबाग का खेल खत्म.'' एक अन्य संदेश में उसने लिखा है, ‘‘मेरी अंतिम यात्रा पर...मुझे भगवा में ले जायें...और जय श्रीराम के नारे हों.'' उसकी पोस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद उसका फेसबुक प्रोफाइल डिलीट कर दिया गया. कई छात्रों ने बताया कि किस तरह से गांधी की पुण्यतिथि पर उनका शांतिपूर्ण मार्च हिंसक हो गया.
विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र की छात्रा आमना आसिफ ने कहा, ‘‘हम होली फैमिली अस्पताल की ओर बढ़ रहे थे जहां पुलिस ने बैरिकेड लगाये थे. अचानक पिस्तौल लिये हुए व्यक्ति सामने आया और गोली चला दी. एक गोली मेरे मित्र के हाथ पर लगी.'' उसने कहा कि उसका मित्र शादाब फारूक घायल हो गया जो हमलावर को शांत कराने का प्रयास कर रहा था, लेकिन उसने शादाब पर गोली चला दी जिसमें उसका बायां हाथ जख्मी हो गया. शादाब कश्मीर का रहने वाला है और उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया. आमना ने बताया कि शादाब जनसंचार का छात्र है.
विश्वविद्यालय में एलएलबी के छात्र आर नौशाद ने कहा, ‘‘जामिया कोआर्डिनेशन कमेटी ने गांधीजी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि देने के लिए मार्च का आयोजन किया था. मार्च की शुरूआत गेट नम्बर सात से दोपहर 12 बजे हुई लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी और मार्च को होली फैमिली अस्पताल के पास रोक दिया.'' नौशाद ने कहा, ‘‘गोपाल नाम का एक व्यक्ति वहां आया और हथियार निकाल लिया और बाद में एक गोली चला दी. वह सीएए के समर्थन में नारे भी लगा रहा था.'' घटना से क्षेत्र में खलबली मच गई.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के भूतपूर्व छात्र खालिद हसन ने कहा कि शुरू में कई इसको लेकर आश्वस्त नहीं थे कि ये गोली की आवाज है या कोई टायर फटने की. जब यह घटना हुई उस समय वहां पुलिस की भारी तैनाती थी और बड़ी संख्या में मीडिया भी मौजूद था. छात्र जामिया से महात्मा गांधी की समाधि राजघाट जा रहे थे. मार्च को विश्वविद्यालय के पास होली फैमिली अस्पताल के करीब रोक दिया गया.
डीसीपी (दक्षिण) चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि छात्र जामिया से राजघाट तक एक मार्च निकालना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई. बिस्वाल ने कहा, ‘‘उन्हें बार-बार कहा जा रहा था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए. हमने होली फैमिली अस्पताल से ठीक पहले सड़क पर बैरिकेड लगा दिये थे. इस बीच एक व्यक्ति को भीड़ में देखा गया जो कोई चीज लहरा रहा था जो एक हथियार प्रतीत हुआ.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमने उसे हिरासत में ले लिया है और उससे पूछताछ कर रहे हैं. एक व्यक्ति घायल भी हुआ है.'' (इनपुट भाषा से...)
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