फोटो- नजीब जंग और अरविंद केजरीवाल के संबंधों में हमेशा खींचतान रही.
नई दिल्ली:
दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने गुरुवार को केंद्र सरकार को अपना इस्तीफा सौंप दिया. हालांकि 65 वर्षीय जंग ने अपने इस्तीफे की वजह नहीं बताई. पूर्व आईएएस अधिकारी नजीब जंग ने जुलाई, 2013 में उप राज्यपाल का पदभार संभाला था.
इसी बीच, दिल्ली के मुख्य सचिव और अतिरिक्त सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की. नजीब जंग के इस्तीफे के बाद यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.
नजीब जंग ने अपने इस्तीफे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली की जनता को सहयोग और प्रेम के लिए खासकर राष्ट्रपति शासन के एक साल के समय के दौरान को लेकर धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जनता के कारण ही इस दौरान दिल्ली के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाया जा सका. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी धन्यवाद दिया है. जंग ने अब शिक्षा के क्षेत्र में जाने की बात कही है.
जंग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उनके इस्तीफे का आप सरकार के साथ उनके टकराव भरे रिश्ते से कोई लेना-देना नहीं है और वह पिछले कुछ महीनों से पद छोड़ने के बारे में विचार कर रहे थे.
सूत्रों ने कहा, 'पद छोड़ने के उनके फैसले का आप सरकार के साथ उनके संबंध से कोई लेनादेना नहीं है. यह विशुद्ध रूप से निजी फैसला है. पद छोड़ने को लेकर वह पिछले कुछ समय से विचार कर रहे थे'. उधर, उनके इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि जंग का यह फैसला उनके लिए चौंकाने वाला रहा है।
(ये भी पढ़ें- थम गई नजीब जंग की केजरीवाल से 'जंग', अब लौटेंगे 'पहले प्यार' के पास...)
उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद से जंग और उनके बीच लगातार खींचतान की खबरें आती रही. विवाद यहां तक बढ़े कि आम आदमी पार्टी अधिकारों की लड़ाई को न्यायालय तक लेकर गई.
नजीब जंग के इस्तीफे पर आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'नजीब जंग को हमारी शुभकामनाएं. नजीब जंग का बर्ताव उनका अपना नहीं था. वो किसी और के प्रभाव में बर्ताव कर रहे थे'.
उधर, कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने कहा कि नजीब जंग का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. उनकी भूमिका निष्पक्ष नहीं रही.
इसी बीच, दिल्ली के मुख्य सचिव और अतिरिक्त सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से मुलाकात की. नजीब जंग के इस्तीफे के बाद यह मुलाकात काफी अहम मानी जा रही है.
नजीब जंग ने अपने इस्तीफे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली की जनता को सहयोग और प्रेम के लिए खासकर राष्ट्रपति शासन के एक साल के समय के दौरान को लेकर धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जनता के कारण ही इस दौरान दिल्ली के प्रशासन को सुचारू रूप से चलाया जा सका. इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी धन्यवाद दिया है. जंग ने अब शिक्षा के क्षेत्र में जाने की बात कही है.
जंग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उनके इस्तीफे का आप सरकार के साथ उनके टकराव भरे रिश्ते से कोई लेना-देना नहीं है और वह पिछले कुछ महीनों से पद छोड़ने के बारे में विचार कर रहे थे.
सूत्रों ने कहा, 'पद छोड़ने के उनके फैसले का आप सरकार के साथ उनके संबंध से कोई लेनादेना नहीं है. यह विशुद्ध रूप से निजी फैसला है. पद छोड़ने को लेकर वह पिछले कुछ समय से विचार कर रहे थे'. उधर, उनके इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि जंग का यह फैसला उनके लिए चौंकाने वाला रहा है।
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उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद से जंग और उनके बीच लगातार खींचतान की खबरें आती रही. विवाद यहां तक बढ़े कि आम आदमी पार्टी अधिकारों की लड़ाई को न्यायालय तक लेकर गई.
नजीब जंग के इस्तीफे पर आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 'नजीब जंग को हमारी शुभकामनाएं. नजीब जंग का बर्ताव उनका अपना नहीं था. वो किसी और के प्रभाव में बर्ताव कर रहे थे'.
उधर, कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल ने कहा कि नजीब जंग का कार्यकाल विवादों से भरा रहा. उनकी भूमिका निष्पक्ष नहीं रही.
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