नजीब जंग और अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि उप राज्यपाल (एलजी) नजीब जंग भारत की आजादी का कड़ा विरोध करने वाले ब्रिटिश प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल की भाषा बोल रहे हैं. दरअसल एक दिन पहले ही दिल्ली के उप राज्यपाल ने अपनी ओर से मंजूर नहीं किए गए आप सरकार के सभी फैसलों पर पुनर्विचार का आदेश दिया था.
पूर्व ब्रिटिश वायसराय और चर्चिल की भाषा बोल रहे हैं जंग
विभिन्न मुद्दों को लेकर जैन के मंत्रालय और उप राज्यपाल के बीच कई बार आमना-सामना हो चुका है. जैन ने कहा है कि जंग का लोकतंत्र में 'विश्वास' नहीं है और वे पूर्व ब्रिटिश वायसराय और चर्चिल की भाषा बोल रहे हैं. जैन ने जंग के कल के उस निर्देश की भी आलोचना की जिसमें सभी विभागों के प्रमुखों से उन आदेशों का 'पुनर्वालोकन' करने और उन फाइलों की 'पहचान' करने को कहा गया था जिनके लिए उनकी अनुमति की जरूरत थी और जो आप सरकार की ओर से नहीं ली गई.
प्रशासनिक प्रमुख एलजी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी केंद्र शासित प्रदेश है और इसलिए निर्वाचित सरकार के बावजूद शहर के प्रशासनिक प्रमुख एलजी ही हैं. इस आदेश के बाद से आप सरकार और एलजी के बीच जुबानी लड़ाई शुरू हो गई थी. अब आप सरकार इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने जा रही है.
सीधे अधिकारियों को निर्देश के बजाए मंत्रियों को देनी थी जानकारी
दिल्ली के गृह मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'एलजी साहब का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा और वे जनमत के बगैर ही शीर्ष पद पर आसीन हैं. ब्रिटिश वायसराय कहा करते थे कि भारत को आजादी की जरूरत नहीं है. चर्चिल ने कहा था कि भारत को आजादी इसलिए नहीं दी जा सकती क्योंकि लोग अपनेआप पर शासन नहीं कर सकते हैं.' जैन ने कहा, 'उन्हें (जंग) हमारी सारी फाइलों और फैसलों का पुनर्वालोकन करने दीजिए. लेकिन सीधे अधिकारियों को यह निर्देश देने के बजाए उन्हें यह जानकारी मंत्रियों को देनी चाहिए थी. एलजी को कोई भी फाइल मंगवाने का अधिकार है लेकिन यह समुचित प्रक्रिया के तहत होना चाहिए.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पूर्व ब्रिटिश वायसराय और चर्चिल की भाषा बोल रहे हैं जंग
विभिन्न मुद्दों को लेकर जैन के मंत्रालय और उप राज्यपाल के बीच कई बार आमना-सामना हो चुका है. जैन ने कहा है कि जंग का लोकतंत्र में 'विश्वास' नहीं है और वे पूर्व ब्रिटिश वायसराय और चर्चिल की भाषा बोल रहे हैं. जैन ने जंग के कल के उस निर्देश की भी आलोचना की जिसमें सभी विभागों के प्रमुखों से उन आदेशों का 'पुनर्वालोकन' करने और उन फाइलों की 'पहचान' करने को कहा गया था जिनके लिए उनकी अनुमति की जरूरत थी और जो आप सरकार की ओर से नहीं ली गई.
प्रशासनिक प्रमुख एलजी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी केंद्र शासित प्रदेश है और इसलिए निर्वाचित सरकार के बावजूद शहर के प्रशासनिक प्रमुख एलजी ही हैं. इस आदेश के बाद से आप सरकार और एलजी के बीच जुबानी लड़ाई शुरू हो गई थी. अब आप सरकार इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने जा रही है.
सीधे अधिकारियों को निर्देश के बजाए मंत्रियों को देनी थी जानकारी
दिल्ली के गृह मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, 'एलजी साहब का लोकतंत्र में विश्वास नहीं है. उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा और वे जनमत के बगैर ही शीर्ष पद पर आसीन हैं. ब्रिटिश वायसराय कहा करते थे कि भारत को आजादी की जरूरत नहीं है. चर्चिल ने कहा था कि भारत को आजादी इसलिए नहीं दी जा सकती क्योंकि लोग अपनेआप पर शासन नहीं कर सकते हैं.' जैन ने कहा, 'उन्हें (जंग) हमारी सारी फाइलों और फैसलों का पुनर्वालोकन करने दीजिए. लेकिन सीधे अधिकारियों को यह निर्देश देने के बजाए उन्हें यह जानकारी मंत्रियों को देनी चाहिए थी. एलजी को कोई भी फाइल मंगवाने का अधिकार है लेकिन यह समुचित प्रक्रिया के तहत होना चाहिए.'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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