
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़े और नामी वकीलों का पैनल एक बार फिर नियुक्त किया है. बीते साल नवंबर में केजरीवाल सरकार ने जो 14 वकीलों का पैनल नियुक्त किया उसको उपराज्यपाल की मंज़ूरी ना होने के चलते रद्द कर दिया गया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद धड़ाधड़ फैसले कर रहे केजरीवाल ने इस पैनल को फिर से नियुक्त कर दिया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, 'एलजी ने दिल्ली सरकार के सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के वकीलों के पैनल को रद्द किया था जिसकी वजह से अदालतों में सरकार के केस कमज़ोर पड़ रहे थे. दिल्ली सरकार ने आज दोनों पैनल फिर से बना दिए हैं.'
मई में महीने में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आदेश देकर कहा था कि दिल्ली सरकार ने बीते साल नवंबर में जो 14 वकीलों को पैनल पे डाला था उनकी नियुक्ति बिना एलजी की मंज़ूरी और नियमों के मुताबिक नहीं है इसलिए इनका भुगतान ना किया जाए. इसके बाद मुख्य सचिव ने एलजी के आदेश का पालन किया और एकाउंट्स विभाग को बता दिया कि ध्यान रखें ये नियुक्ति सही नहीं है.
दिल्ली सरकार ने इंदिरा जयसिंह, कोलिन गोंजाल्विस, आनंद ग्रोवर, संजय हेगड़े, रेबेका जॉन, अनूप जॉर्ज चौधरी समेत कुल 14 बड़े वकीलों को दिल्ली सरकार का पक्ष दिल्ली हाई कोर्ट में रखने और सलाह देने के लिए पैनल पर डाला था.
मई में महीने में उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आदेश देकर कहा था कि दिल्ली सरकार ने बीते साल नवंबर में जो 14 वकीलों को पैनल पे डाला था उनकी नियुक्ति बिना एलजी की मंज़ूरी और नियमों के मुताबिक नहीं है इसलिए इनका भुगतान ना किया जाए. इसके बाद मुख्य सचिव ने एलजी के आदेश का पालन किया और एकाउंट्स विभाग को बता दिया कि ध्यान रखें ये नियुक्ति सही नहीं है.
दिल्ली सरकार ने इंदिरा जयसिंह, कोलिन गोंजाल्विस, आनंद ग्रोवर, संजय हेगड़े, रेबेका जॉन, अनूप जॉर्ज चौधरी समेत कुल 14 बड़े वकीलों को दिल्ली सरकार का पक्ष दिल्ली हाई कोर्ट में रखने और सलाह देने के लिए पैनल पर डाला था.
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